IC 814 Kandahar Hijack: सभी यात्री स्पेशल फ्लाइट से लौटे थे तो कंधार में खड़े उस हाईजैक प्लेन का क्या हुआ?
1999 में 24 दिसंबर को काठमांडू से दिल्ली निकला इंडियन एयरलाइंस का प्लेन आईसी 814 हाईजैक हुआ था. बाद में 31 दिसंबर को संकट खत्म हुआ. विशेष विमान से बंधक यात्रियों को स्वदेश लाया गया, तो उस हाईजैक प्लेन का क्या हुआ जो कंधार में खड़ा था?
अगर आपने हाल में आई अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज IC814 The Kandahar Hijack देखी है तो आखिरी सीन में आपके मन में एक सवाल जरूर पैदा हुआ होगा. जब यात्रियों को स्पेशल प्लेन से वापस भारत भेज दिया गया तो उस प्लेन का क्या हुआ जो कंधार में खड़ा था. क्या वह भारत लौटा या हाइजैक प्लेन को सुरक्षा खतरे के चलते वहीं छोड़ दिया गया. हां, क्योंकि वेब सीरीज में दिखाया गया है कि उसमें आतंकी विस्फोटक छिपाकर रखे थे, जिसे बाद में उन्होंने ही निकाला था.
अमेरिका ने खुफिया सैटलाइट से क्या पकड़ा था?
पहले यह समझ लीजिए कि क्या सच में उस प्लेन में आरडीएक्स था. उसी प्लेन के फ्लाइट इंजीनियर अनिल के. जगिया की किताब 'IC814 Hijacked' के चैप्टर 10 में साफ लिखा है कि अमेरिका ने अपने खुफिया सैटलाइट की मदद से आतंकियों की बातचीत टेप की थी. भारत को इसकी डीटेल भी दी गई थी. इसमें कंधार हाइजैकर्स को उनका हैंडलर्स साफ कह रहा था कि अगर वे अपने मिशन में सफल नहीं हो पाएं तो प्लेन को उड़ा दें. इससे साफ है कि बैग में विस्फोटक सच में था. इसे काठमांडू में पाकिस्तानी मिशन के अधिकारी, उसके असिस्टेंट और एक नेपाली मुस्लिम अब्दुल रईस खान की मदद से प्लेन में रखा गया था. अमेरिका के इनपुट पर मुंबई से आईएसआई के 4 ऑपरेटिव भी गिरफ्तार हुए थे. ऐसे कई राज पता चले जिससे साफ है कि इसमें पाकिस्तान का हाथ था.
अब हाईजैक प्लेन की बात
जी हां, हाइजैक किया हुआ प्लेन लौटा था लेकिन 31 दिसंबर को नहीं बल्कि नए साल के पहले दिन 1 जनवरी 2000 को लौटा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह प्लेन स्वदेश लौटा तो था लेकिन उसमें कोई भी यात्री नहीं था. मतलब कंधार से खाली प्लेन लेकर आया गया था. कुछ रिपोर्टों की मानें तो वह प्लेन वापस सेवा में लौटा लेकिन कुछ समय बाद हटा दिया गया. बाद में यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई कि हाईजैक वाला प्लेन कहां है लेकिन जैसा दूसरे प्लेन के साथ होता है, उसे सेवा से हटाए जाने के बाद बेच दिया जाता है या खंड-खंड कर दिया जाता है.
कंधार हाईजैक: प्लेन में वो गोरा सफेद दाढ़ी वाला कौन था
एक जगह यह जानकारी भी मिलती है कि प्लेन को दिसंबर 2013 में स्क्रैप कर दिया गया था. इस घटना के बाद प्लेन और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए जनवरी 2000 में भारत के सभी एयरपोर्ट्स की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंप दिया गया. नेपाल से भी फ्लाइट तभी शुरू की गई जब उसने अतिरिक्त एक्स-रे मशीन लगाई और अपना सुरक्षा तंत्र मजबूत किया. यह प्लेन नवंबर 1976 में इंडियन एयरलाइंस को मिला था.
कंधार हाइजैक: IC 814 प्लेन में वो शख्स कौन था, जिसका नाम पब्लिक से छिपाया गया
Latest News in Hindi, Bollywood News, Tech News, Auto News, Career News और Rashifal पढ़ने के लिए देश की सबसे विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट Zee News Hindi का ऐप डाउनलोड करें. सभी ताजा खबर और जानकारी से जुड़े रहें बस एक क्लिक में.