कंधार हाइजैक: IC 814 प्लेन में वो शख्स कौन था, जिसका नाम पब्लिक से छिपाया गया
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कंधार हाइजैक: IC 814 प्लेन में वो शख्स कौन था, जिसका नाम पब्लिक से छिपाया गया

Kandahar Hijack Real Story: कंधार हाईजैक प्लेन में पूरे सात दिनों तक एक शख्स बैठा रहा. आतंकी जो कहते वो भी बाकियों की तरह करता लेकिन किसी को नहीं पता था कि वो कोई आम यात्री नहीं है. भारतीय खुफिया अधिकारियों ने भी यात्रियों की लिस्ट से उसका नाम हटा दिया था, जिससे किसी को पता न चले. कौन था वो?

कंधार हाइजैक: IC 814 प्लेन में वो शख्स कौन था, जिसका नाम पब्लिक से छिपाया गया

इन दिनों IC 814 कंधार प्लेन हाईजैक कांड की काफी चर्चा है. अनुभव सिन्हा ने एक वेब सीरीज बनाई है, जिस पर विवाद हो गया है. अपहरणकर्ताओं ने प्लेन में अपनी पहचान छिपाने के लिए दो आतंकियों के हिंदू नाम भोला और शंकर रखे थे. वेब सीरीज में यही दिखाया गया तो कुछ लोग नाराज हो गए. भाजपा ने भी आपत्ति जताई जबकि किताब में भी यही लिखा है. अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को तलब कर लिया है. खैर, इस फिल्म में एक और महत्वपूर्ण सीन है जिस पर लोगों का ध्यान गया होगा. हां, फिल्म में एक जगह दिल्ली में हो रही क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के अधिकारियों को जानकारी मिलती है कि प्लेन में एक खास शख्स मौजूद है. वह कौन था? बाद में मीडिया के जरिए पब्लिक तक यात्रियों की जो लिस्ट आती है उसमें एक नाम पहले ही हटा दिया जाता है. आखिर कौन था वो शख्स?

प्लेन में थे रॉ के एजेंट

‘IC 814: The Kandahar Hijack' वेब सीरीज में काठमांडू से प्लेन के उड़ने, हाईजैक होने, अमृतसर लैंड करने, 45 मिनट में फिर उड़ने, लाहौर जाने, दुबई में उतरने और आखिर में कंधार लैंड करने की घटना को बड़े ही रोमांचक अंदाज में दिखाया गया है. प्लेन में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर थे. हालांकि आतंकियों को नहीं पता था कि इन बंधकों में एक शख्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट शशि भूषण सिंह तोमर बैठे है. दिल्ली में बैठे अधिकारियों ने यह जानकारी पब्लिक से जानबूझकर छिपाई वरना आतंकियों तक यह सूचना पहुंच सकती थी और वे एजेंट को नुकसान पहुंचा सकते थे.  

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उस समय रॉ के हेड रहे एएस दुलत ने अपनी किताब 'कश्मीर: दि वाजपेयी ईयर्स' में इस बात की पुष्टि की है. अमृतसर में कमांडोज प्लेन में घुसने के लिए तैयार थे लेकिन कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि तोमर के अंदर होने के कारण ही पंजाब नेशनल गार्ड को प्लेन पर अटैक करने से रोक दिया गया. तोमर न सिर्फ इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए महत्वपूर्ण ऑपरेटिव थे बल्कि वाजपेयी तक उनके अच्छे संबंध थे. 

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रिपोर्ट के मुताबिक वाजपेयी के चीफ सेक्रेट्री एनके सिंह ने ही कमांडोज को अमृतसर में उतरे हाईजैक प्लेन में घुसने से रोका था. सिंह की छोटी बहन की शादी तोमर से हुई थी और इसलिए कई लोग वजह यही मानते हैं. वेब सीरीज में तोमर के रोल में कैलाश चौहान का कैरेक्टर दिखाया गया है. यह फिल्म कैप्टन देवी शरण की 2000 में आई किताब 'Flight Into Fear' पर आधारित है. 

शशि भूषण तोमर के बारे में जान लीजिए

- वह वेस्ट बंगाल कैडर से 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और 1999 में काठमांडू में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव थे. 

- वरिष्ठ रॉ एजेंट के तौर पर वह व्यापक रूप से खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करते थे. 

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