Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में कौन मारेगा बाजी, किस पार्टी को मिलेंगी कितनी सीटें? जनता ने सर्वे में बताया
Zee News MARRIZE Opinion Poll: कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटों के लिए चुनाव होने में चंद दिन बाकी हैं. 10 मई को राज्य की जनता अपने मत का अधिकार इस्तेमाल करेगी और 13 मई को बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस जैसे पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. लेकिन उससे पहले ZEE NEWS के लिए MARRIZE ने ओपिनियन पोल किया है.
Opinion Poll: कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटों के लिए चुनाव होने में चंद दिन बाकी हैं. 10 मई को राज्य की जनता अपने मत का अधिकार इस्तेमाल करेगी और 13 मई को बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस जैसे पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. लेकिन उससे पहले ZEE NEWS के लिए MARRIZE ने ओपिनियन पोल किया है. इस पोल के जरिए यह जानने की कोशिश की गई कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. ओपिनियन पोल में 2 लाख 80 हजार लोगों से राय ली गई. 29 मार्च से 30 अप्रैल तक के बीच हुए इस ओपनियन पोल में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 5 प्रतिशत है. ये सिर्फ ओपनियन पोल है और इसे चुनाव के नतीजे न समझा जाए.
आइए अब आपको पूरा एग्जिट पोल बताते हैं.
ओपनियन पोल के मुताबिक, 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी को 103-115 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस के खाते में 79-91 सीटों आ सकती हैं. वहीं जेडीएस किंगमेकर बनकर उभर सकती है. उसके हिस्से में 26-36 सीटें आ सकती हैं. अन्य को 1-3 सीटें मिल सकती हैं.
पोल में लोगों से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी चुनाव में गेमचेंजर साबित होंगे. इसपर 44 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि हां पीएम मोदी गेमचेंजर साबित होंगे. 34 प्रतिशत लोग इस राय से कुछ हद तक सहमत दिखे. वहीं 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में पीएम मोदी गेमचेंजर साबित नहीं होंगे.
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी की तुलना ज़हरीले सांप से कर दी. हमने कर्नाटक के लोगों से पूछा कि पीएम मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर उनकी क्या राय है.
56 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि खड़गे के उस बयान से बीजेपी को फायदा हो सकता है. जबकि 32 प्रतिशत लोगों ने माना कि इससे कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं 12 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल पर चुप रहना ही बेहतर समझा.
ओपिनियन पोल में हमने पूछा कि डबल इंजन सरकार से कर्नाटक को कितना फायदा हुआ? इसपर 34 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि बहुत ज्यादा फायदा हुआ. वहीं 45 फीसदी लोगों ने कहा कि डबल इंजन सरकार से थोड़ा फायदा हुआ. जबकि 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डबल इंजन सरकार से कोई फायदा नहीं हुआ.
सबसे बेहतर CM उम्मीदवार कौन है?
पोल में हमने लोगों से पूछा कि कर्नाटक के लिए मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे बेहतर कौन उम्मीदवार होगा. इस सवाल पर सबसे ज़्यादा 24 प्रतिशत लोगों ने सिद्दारमैया को सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया. वहीं, 28 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा CM बसवराज बोम्मई पर भरोसा जताया. 11 प्रतिशत लोगों ने CM पद के लिए JDS नेता एच.डी. कुमारस्वामी को अपनी पसंद बताया. वहीं कांग्रेस के डी.के. शिवकुमार को 14 प्रतिशत लोगों ने बेहतर CM उम्मीदवार बताया, जबकि 23 प्रतिशत लोगों ने अन्य नेताओं का नाम लिया.
पोल में लोगों से ये भी पूछा कि अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो चुनाव बाद किस गठबंधन सरकार की संभावना है. लोगों ने इस सवाल का जवाब देते हुए 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि BJP और JDS की गठबंधन सरकार बन सकती है. वहीं 28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस और JDS मिलकर सरकार बना सकते हैं. जबकि 18 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अभी कुछ भी कहना मुश्किल है.
पोल में लोगों से पूछा गया कि वो अपने विधायक के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं? जवाब में 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो अपने जन प्रतिनिधि के काम से संतुष्ट हैं. 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो थोड़े संतुष्ट हैं. जबकि सबसे ज़्यादा 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो अपने विधायक के काम से असंतुष्ट हैं.
सबसे बड़ा मुद्दा क्या है?
हमने लोगों से ये भी सवाल किया कि उनकी नजर में चुनाव में बड़ा मुद्दा क्या है? इसके जवाब में 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राज्य सरकार का कामकाज उनकी नजर में बड़ा मुद्दा है. जबकि 10 फीसदी लोगों की नजर में पीएम नरेन्द्र मोदी बड़ा मुद्दा हैं. विकास को मतदान का मुद्दा मानने वालों की तादाद 7 फीसदी रही. वहीं जाति को 6 प्रतिशत लोगों ने बड़ा मुद्दा बताया. 4 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार, जबकि 3 प्रतिशत ने महंगाई को बड़ा मुद्दा बताया. वहीं 47 प्रतिशत लोगों ने अन्य मुद्दों को वोटिंग का आधार बताया.
कर्नाटक के लोग मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के कामकाज से कितने संतुष्ट हैं?
30 फीसदी लोगों ने कहा, वो CM के कामकाज से संतुष्ट हैं. जबकि 41 प्रतिशत लोग उनके काम से थोड़ा संतुष्ट दिखे. वहीं 29 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो मुख्यमंत्री बोम्मई के कामकाज से असंतुष्ट हैं.
राज्य सरकार के कामकाज से लोग कितना संतुष्ट हैं?
28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो संतुष्ट हैं. जबकि 38 फीसदी लोग थोड़ा संतुष्ट दिखे. वहीं 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो राज्य सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं.
भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को कितना फायदा होगा?
12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस को बहुत ज़्यादा फायदा होगा. जबकि 26 प्रतिशत लोगों की राय ये थी कि इससे कांग्रेस को थोड़ा फायदा हो सकता है. वहीं 62 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को फायदा नहीं होगा. कर्नाटक को छह क्षेत्रों में बांटा गया है. ऐसे में रीजनवाइज आंकड़े अहम हो जाते हैं. सर्वे के मुताबिक सेंट्रल कर्नाटक में बीजेपी को सबसे ज्यादा 44 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है. वहीं कांग्रेस को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं. इन दोनों पार्टियों के अलावा जेडीएस को 12 प्रतिशत और अन्य को 4 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है.
सेंट्रल कर्नाटक की कुल 26 सीटों में बीजेपी को 18 से 23 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 3 से 8 सीटें मिल सकती हैं. जबकि ऐसा संभावना है कि सेंट्रल कर्नाटक से जेडीएस और अन्य का खाता भी ना खुले. कर्नाटक में बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ सेंट्रल कर्नाटक माना जाता है. इस क्षेत्र में कर्नाटक के टुमकुर, दावनगेरे, चित्रदुर्ग और शिवमोगा जिले की विधानसभा सीटें आती है. लिंगायत समुदाय यहां की सियासत का फैसला करते हैं. सेंट्रल कर्नाटक में धार्मिक मठ और उससे जुड़े हुए संत सियासत को प्रभावित करते हैं.
येदियुरप्पा सेंट्रल कर्नाटक के शिवमोगा से ही आते हैं. इस वजह से बीजेपी का शिवमोगा और चिकमंगलूर जिलों में दबदबा है. 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र से कांग्रेस का जिस तरह से सफाया हुआ था, उसी तरह 2013 में बीजेपी को मात खानी पड़ी थी. कर्नाटक की सियासत में तटीय कर्नाटक बीजेपी का गढ़ रहा है. सर्वे के मुताबिक तटीय कर्नाटक में बीजेपी का वोट शेयर 52 प्रतिशत रहने का अनुमान है. कांग्रेस को यहां से 40 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. जबकि जेडीएस को 5 प्रतिशत और अन्य को 3 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है.
अब बात करते हैं सीट शेयर की, तो तटीय कर्नाटक की कुल 21 सीटों में से बीजेपी को 15 से 20 सीटें मिलने की संभावना है. कांग्रेस को 1 से 6 सीटें मिल सकती हैं. जबकि सर्वे कहता है कि जेडीएस और अन्य का यहां से खाता भी नहीं खुलेगा. ऐसा माना जाता है कि शहरों इलाकों में बीजेपी की अच्छी खासी पैठ है. लेकिन, ग्रेटर बेंगलुरु में ऐसा नजर नहीं आता. सर्वे के मुताबिक यहां बीजेपी को 42 प्रतिशत और कांग्रेस को भी 42 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. वहीं बात करें तो जेडीएस की तो उसे 14 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि अन्य को 2 प्रतिशत वोट.
वोट प्रतिशत सीटों में तब्दील होते भी नज़र आते हैं. सर्वे के मुताबिक, ग्रेटर बेंगलुरु की 32 सीटों में से बीजेपी को 13 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 11 से 16 सीटें मिल सकती हैं. जेडीएस को 0 से 2 सीटें, जबकि अन्य का एक भी सीट नहीं.
किस जाति का वोट किसको ? (लिंगायत)
BJP- 66
CONG- 16
JDS- 8
OTH- 10
किस जाति का वोट किसको ?(वोक्कालिगा)
BJP- 16
CONG- 28
JDS- 52
OTH- 4
किस जाति का वोट किसको ? (कुरबा)
BJP- 22
CONG- 63
JDS- 8
OTH- 7
किस जाति का वोट किसको ? (अन्य OBC)
BJP- 47
CONG- 38
JDS - 11
OTH - 4
किस जाति का वोट किसको ? (मुस्लिम )
BJP- 4
CONG- 74
JDS- 18
OTH- 4
किस जाति का वोट किसको ? (दलित)
BJP- 40
CONG- 42
JDS- 16
OTH- 2
किस जाति का वोट किसको ? (आदिवासी)
BJP- 44
CONG- 43
JDS- 12
OTH- 1