BJP Defeat Reasons in Karnataka Elections Results: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ी हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस (Congress) ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया. नतीजों को स्वीकार करते हुए बीजेपी अब हार की समीक्षा करने और इसके मुताबिक पार्टी में जरूरी बदलाव करने की बात कह रही है. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस 137 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भाजपा 64 सीटों पर सिमट कर रह गई है और जेडीएस के खाते में 19 सीटें ही आई हैं.


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बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह आई सामने


कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election Result) में हार की समीक्षा से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई नेता यह मान रहे हैं कि कांग्रेस (Congress) द्वारा बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाने के वादे की वजह से मुस्लिम समुदाय (Muslim Votes) का एकतरफा ध्रुवीकरण कांग्रेस के पक्ष में हुआ, जिसकी वजह से जेडीएस (JDS) के वोट बैंक में बहुत ज्यादा गिरावट आई और इस तरह का चुनावी नतीजा सामने आया.


मतगणना शुरू होने के एक घंटे के अंदर हो गया था साफ


कर्नाटक विधानसभा की सभी 224 सीटों के लिए शनिवार को सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होने के एक घंटे के अंदर ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यह स्वीकार कर लिया था कि जेडीएस (JDS) के वोट कांग्रेस (Congress) की तरफ ट्रांसफर हो गए हैं. इसके बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया भाजपा (BJP) की यह आशंका सही साबित होती नजर आई और पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.


इस वजह से कांग्रेस के पक्ष में चला गया मुस्लिम वोट


कर्नाटक के ओल्ड मैसूर इलाके को जेडीएस (JDS) का गढ़ माना जाता है और इस इलाके में विधानसभा की 55 सीटें हैं. इन सीटों पर जीत-हार का फैसला वोक्कालिगा और मुस्लिम मतदाता (Muslim Voters) ही करते आए हैं और ये दोनों ही समुदाय जेडीएस के ठोस वोट बैंक माने जाते रहे हैं. लेकिन, कांग्रेस (Congress) द्वारा बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाने के वादे और भाजपा द्वारा इसे बजरंगबली के अपमान से जोड़ने की मुहिम ने मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण कांग्रेस के पक्ष में कर दिया.


आंकड़ों में समझें पूरा गणित


कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) के आंकड़े भी यही कहानी बयां करते नजर आ रहे हैं. 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में 18.3 प्रतिशत मत के साथ जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 38.1 प्रतिशत मत के साथ कांग्रेस को 80 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में अब तक आये नतीजों की बात करें तो जेडीएस के वोट बैंक में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है और यही 5 प्रतिशत कांग्रेस को ज्यादा मिला है.


जेडीएस (JDS) के सबसे मजबूत गढ़ कर्नाटक के ओल्ड मैसूर इलाके की बात करें (जहां मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अच्छी-खासी है) तो वहां जेडीएस की लगभग 15 सीटें घटती दिखाई दे रही हैं और इस इलाके में कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में लगभग 17 सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी आईएएनएस)