Karnataka High Court Verdicct: एक तरफ कोर्ट की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के लिए समूची सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ देश में कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इससे इतर अपने फैसले पर अडिग सीजेआई चंद्रचूड (CJI Chandrachud) देश भर के हाई कोर्ट के फैसलों और मामलों पर नजर रखकर न्यायपालिका की जवाबदेही के नये आयाम स्थापित कर रहे हैं.


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हाल ही में सामने आए एक मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस वी श्रीशानंद (Justice Vedavyasachar Srishananda) ने भरी अदालत में सुनवाई के दौरान एक महिला वकील की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी (Karnataka HC judge’s sexist remarks) की तो CJI चंद्रचूड की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने खुद स्वत: संज्ञान ले लिया.


क्या है पूरा मामला?


भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठ जजों की बेंच ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें कार्यवाही के दौरान एक महिला वकील के लिए खुली अदालत में न्यायाधीश की 'निंदनीय' टिप्पणी दिखाई गई थी.


हाई कोर्ट के जस्टिस, वेदव्यासचार श्रीशानंद को वीडियो में महिला वकील के प्रति लैंगिकवादी और अपमानजनक टिप्पणी करते हुए देखा गया.


सुओ मोटो लेने वाली बेंच में चार अन्य जजों की बात करें तो जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश रॉय शामिल थे. कोर्ट ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी को कोर्ट की सहायता करने को कहा है. जस्टिस श्रीशानंद का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह टिप्पणी कर रहे हैं. 


वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह (Indira Jaising) ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' (@IJaising) पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए सीजेआई से हाई कोर्ट के जज के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की अपील की थी. 


मुस्लिम बहुल इलाके को बताया था पाकिस्तान


जस्टिस श्रीशानंद ने हाल ही में पश्चिम बेंगलुरु में एक मुस्लिम बहुल उप-इलाके की तुलना 'पाकिस्तान' से की थी. महिला वकील की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले इस मामले की बात करें तो इंदिरा जय सिंह द्वारा पोस्ट वीडियो में देखा जा सकता है कि जज ने एक वकील से सवाल पूछा, जिस पर उनके जवाब देने से पहले महिला वकील ने जवाब दे दिया, जिस पर जज ने पुरुष वकील को लेकर महिला वकील के साथ कपड़ों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी .


जज ने मजाकिया लहजे में कहा, 'ऐसा लगता है कि वह उसके बारे में सब कुछ जानती हैं और अगर कल पूछा गया तो वह अंडरगारमेंट्स का रंग भी बता सकती है.'



बेंच ने कर्नाटक HC के रजिस्ट्रार जनरल को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJ Karnataka High Court) से परामर्श करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देते हुए मामले पर सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की थी.


जज ने खेद जताया


जस्टिस श्रीशानंद ने हाल में एक मामले में सुनवाई के दौरान की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए खेद जताया है. गौरतलब है कि CJI की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 20 सितंबर को दो वीडियो पर संज्ञान लिया था.


शनिवार को जस्टिस श्रीशानंद ने कोर्ट में अपना बयान पढ़ा. उन्होंने कहा, ‘न्यायिक कार्यवाही के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों को सोशल मीडिया मंचों पर बिना संदर्भ के प्रसारित किया गया. टिप्पणियां जानबूझकर नहीं की गयी और उनका उद्देश्य किसी व्यक्ति या समाज के किसी भी वर्ग को ठेस पहुंचाना नहीं था. यदि ऐसी टिप्पणियों से किसी व्यक्ति या समाज या समुदाय के किसी वर्ग को ठेस पहुंचती है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.’


इस प्रकरण पर कुछ वकीलों ने कहा था, 'कुछ यूट्यूबर भ्रामक शीर्षकों के साथ अदालती कार्यवाहियों की क्लिप पोस्ट कर रहे हैं, जिससे दिक्कत हो रही है.'