Karnataka Hijab Ban Controversy: कर्नाटक हिजाब बैन (Karnataka Hijab Ban) मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जल्द नई बेंच के गठन का भरोसा दिया है. याचिकाकर्ता छात्राओं की ओर से वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने चीफ जस्टिस से जल्द सुनवाई की मांग की थी.


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छात्राओं ने जल्द सुनवाई की मांग की


वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि सभी छात्राओं का 6 फरवरी को प्रैक्टिकल परीक्षाएं होनी है. इस बात की उम्मीद है कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं होगी. इसलिए, अंतरिम आदेश के लिए इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है. चीफ जस्टिस ने उन्हें  रजिस्ट्रार के सामने अपनी बात रखने को कहा. चीफ जस्टिस ने कहा कि अब ये मामला तीन जजों की बेंच के सामने लगना है. हम जल्द नई बेंच का गठन करेंगे.


SC के दोनों जजों की राय अलग अलग थी


इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन को बरकरार रखा था. इसके खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दो जजो की बेंच (जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया) ने अलग-अलग राय दी थी. जस्टिस हेमंत गुप्ता जहां बैन को बरकरार रखने के पक्ष में थे, वहीं जस्टिस सुधांशु धुलिया इसके पक्ष में नहीं थे.


हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इजाजत?


छात्राओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जजों के अलग-अलग फैसले के बाद उन्होंने सरकारी कॉलेज छोड़कर निजी कॉलेज में दाखिला लिया था, लेकिन चूंकि अब उनकी परीक्षा सिर्फ सरकारी स्कूल में हो सकती है. ऐसे में उन्हें आशंका है कि हिजाब पहनने के चलते उन्हें वहां दिक्कत हो. इसलिए, अंतरिम राहत के लिए सुनवाई की जरूरत है.


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