वाराणसी: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) मामले में सुनवाई टल गई है. मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज के अवकाश पर होने पर इस मामले में अगली तारीख 6 अक्टूबर की लगा दी गई. 


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बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर पिछले कई सालों से विवाद चला आ रहा है. हिंदू पक्ष का कहना है कि वहां पर पहले मंदिर था, जिसे औरंगजेब के आदेश पर तुड़वा दिया गया था. इस मुद्दे पर हिंदू पक्ष ने सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका दायर की. सिविल जज की कोर्ट ने इसे सिविल मैटर मानते हुए उनकी कोर्ट में सुनने का आदेश दिया.


मुस्लिम पक्ष ने इस अर्जी पर आपत्ति जताते हुए 25 फरवरी 2020 को सीनियर डिविजन की कोर्ट में अर्जी दी. कोर्ट ने इस अर्जी को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए खारिज कर दिया. इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी ने जिला जज की अदालत में अपील दायर की. इसके बाद 18 सितंबर को सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी जिला जज की अदालत में वाद दायर कर दिया.


इस अर्जी पर शनिवार को फैसला आना था कि काशी-ज्ञानवापी का मसला सिविल मैटर है या नहीं. लेकिन जिला जज के अवकाश पर होने की वजह से इसे टाल दिया गया. अब अदालत इस मसले पर 6 अक्टूबर को फैसला सुनाएगी. 


उधर विवादित ढांचा ध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट लखनऊ से बरी होकर अयोध्या पहुंचे बीजेपी के फायरब्रांड नेता विनय कटियार ने हनुमानगढ़ी में हनुमान जी का दर्शन किया. विनय कटियार ने कहा कि राम मंदिर के बाद अब काशी विश्वनाथ और भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा को भी मुक्त करवाया जाएगा. इसके लिए संतो के साथ बैठकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. 


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