श्रीनगर : कश्मीर में न्यूनतम तापमान शून्य से कम बने होने के कारण शीतलहर का प्रकोप लगातार जारी है. पर्यटकों के लिए मशहूर स्थल पहलगाम घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा. कश्मीर अभी ‘चिल्लई कलां’ की गिरफ्त में है. सर्दियों में जब हिमपात की संभावना बहुत अधिक होती है और अधिकतम और न्यूनतम तापमान बहुत गिर जाता है. ऐसे 40 दिनों की कठोर अवधि को ‘चिल्लई कलां’ कहते हैं.


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‘चिल्लई कलां’ 31 जनवरी को खत्म होगा, लेकिन कश्मीर में उसके बाद भी शीतलहर का प्रकोप रहता है. 40 दिन की इस अवधि के बाद 20 दिन का ‘चिल्लई खुर्द’ और 10 दिन लंबा ‘चिल्लई-बच्चा’ आता है.


मौसम विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि श्रीनगर में गत रात न्यूनतम तापमान माइनस 1.3 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर माइनस 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड में तापमान माइनस 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. नजदीक के कोकेरनाग शहर में बीती रात पारा माइनस 0.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.


उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा शहर में पारा गत रात माइनस 2.8 डिग्री पर पहुंच गया, जो इससे पहले की रात के माइनस 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रहा. उत्तर कश्मीर में मशहूर स्कीइंग स्थल गुलमर्ग में गत रात तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.


अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में मशहूर पर्यटक स्थल पहलगाम में तापमान माइनस 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर पहलगाम घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा.


उन्होंने बताया कि सीमावर्ती लद्दाख क्षेत्र में लेह में माइनस 15.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जबकि नजदीक के करगिल में तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. कश्मीर में शनिवार से ताजा पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है जिससे अगले चार दिनों में मध्यम से भारी हिमपात या बारिश हो सकती है.


(भाषा इनपुट)