नई दिल्ली : कासीभट्ट सम्हिता की उम्र अभी महज 16 साल है. उसके साथ के लड़के-लड़कियां 10वीं या 11वीं कक्षा में हैं. आपको हैरानी होगी कि कासीभट्ट पढ़ाई में अपने दोस्तों को काफी पीछे छोड़ते हुए इंजीनियर बन गई है और उसे तेलंगाना की सबसे कम उम्र की महिला इंजीनियर होने के खिताब मिला है.


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बहुमुख प्रतिभा की धनी सम्हिता ने अपनी इस कामयाबी पर बताया कि देश की सेवा करने के मकसद से इंजीनियरिंग की दुनिया में आई है और भारत को इस क्षेत्र में दुनिया के अन्य देशों के साथ खड़ा करना चाहती है. 


सम्हिता ने चैतन्य भारती इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (CBIT) से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री हासिल की है. बताते हैं कि जब वह तीन साल की थी तब उसे सभी देशों की राजधानियों के नाम सही तरीके से पता थे. 10 साल की उम्र में उसने 10वीं कक्षा में 8.8 जीपीए हासिल किए थे. 12वीं कक्षा में कासीभट्ट ने 89 प्रतिशत अंक हासिल किए.


12वीं करने के बाद जब उसने डिग्री कोर्स की इच्छा जताई तो इसमें उसकी कम उम्र आड़े आई. इसके लिए सम्हिता के माता-पिता ने 2014 में तेलंगाना सरकार से गुहार लगाई थी. सरकार के हस्तक्षेप के बाद उसे चैतन्य इंस्टिट्यूट में 4 साल के डिग्री कोर्स में एडमिशन मिला था. 



सम्हिता बताती है कि उसने विषयों को रटने की बजाय मस्ती और कॉन्सेप्ट आधारित पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया. उसने अन्य गतिविधियों में भी खूब हिस्सा लिया, साथ ही अपनी पढ़ाई पर फोकस किया.  


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सीबीआईटी के प्रिंसीपल रविंद्र रेड्डी ने बताया कि सम्हिता की प्रतिभा और क्षमता के आधार पर ही इंजीनियरिंग, कृषि और चिकित्सा की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (इमसेट) के लिए उपस्थित होने से छूट दी गई थी. अब वह एमटेक करना चाहती है. 


हालांकि सम्हिता कैंपस प्लेसमेंट के दौरान एक कृषि आधारित फर्म का इंटरव्यू पास कर चुकी है, लेकिन नौकरी में उसकी उम्र बाधा बनी है. इसलिए वह अब आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती है. रेड्डी ने बताया कि सम्हिता उनके इंस्टीट्यूट के प्रतिभावान छात्रों में से एक है.