Farmers Protest: केजरीवाल सरकार ने SC में किया किसानों का समर्थन, कही ये बातें
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन का विरोध किया. केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों की बात करने और समझौता करने की कोई मंशा नहीं है और अन्य ताकतें किसानों के आंदोलन में जुड़ गई है.
नई दिल्लीः किसानों को सिंघु बॉर्डर से हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका के खिलाफ आम आदमी पार्टी उनके समर्थन में मजबूती से खड़ी है. केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसानों की मांगों को उचित ठहराया है. जब केंद्र सरकार ने कहा कि ‘आप’ सरकार किसानों का पक्ष क्यों ले रही है? तो केजरीवाल सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार साफ कर दे कि वह किसका पक्ष ले रही है? केजरीवाल सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वकील राहुल मेहरा ने पक्ष रखा. केजरीवाल सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार अगर मांगें मान लेती है, तो किसान आंदोलन को तुरंत खत्म कर देंगे. किसानों को यहां बैठने के लिए मजबूर किया गया है.
केंद्र ने कहा, बात करने को तैयार नहीं किसान
वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन का विरोध किया. केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों की बात करने और समझौता करने की कोई मंशा नहीं है और अन्य ताकतें किसानों के आंदोलन में जुड़ गई है. किसानों को सिंघु बॉर्डर से हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसानों के समर्थन में जबरदस्त तरीके से अपना पक्ष रखा.
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केजरीवाल सरकार के वकील ने किसानों के प्रदर्शन को उचित ठहराया. केजरीवाल सरकार ने कहा कि किसानों की मांगें विधान संबंधी हैं और केंद्र सरकार को इन्हें मानना चाहिए. अगर केंद्र सरकार मांगें मान लेती है, तो किसान प्रदर्शन को तुरंत खत्म कर देंगे. किसान कोई अपनी इच्छा से सिंघु बॉर्डर पर नहीं बैठे हैं. इनको यहां बैठने के लिए मजबूर किया गया है, क्योंकि किसानों की मांगों को कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट में कल फिर इस मामले पर सुनवाई होगी.
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केंद्र ने कहा, किसानों के आंदोलन का उठाया जा रहा गलत फायदा
केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन का विरोध किया. केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों की बात करने और समझौता करने की कोई मंशा नहीं है. किसान केंद्र सरकार के मंत्रियों का कोई आदर व सम्मान नहीं कर रहे हैं. अन्य ताकतें किसानों के आंदोलन में जुड़ गई हैं और आंदोलन का गलत फायदा उठाने में लगी हुई हैं.