तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) दहेज के खिलाफ जागरूकता के लिए बुधवार को होने वाले उपवास में शामिल होंगे. दहेज देने और लेने के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से गांधी स्मारक निधि और ऐसे अन्य संगठनों द्वारा यहां गांधी भवन में सुबह से शाम तक यह उपवास किया जाएगा.


'महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर लगे रोक' 


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राज भवन के सूत्रों ने बताया कि गांधीवादी संगठनों की ओर से मिले आमंत्रण पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने इस उपवास में शामिल होने का निर्णय लिया और वह इस कार्यक्रम में शाम चार बजकर 30 मिनट से अंत तक शामिल रहेंगे. इस कार्यक्रम का लक्ष्य महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाना और केरल को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करना है. पिछले महीने खान ने महिलाओं से ‘दहेज को न कहने’ की भावनात्मक अपील की थी.


दहेज उत्पीड़न के खिलाफ एक साथ आए राजनेता, NGO


बता दें, केरल में दहेज को लेकर अत्याचारों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते दिनों दहेज की खातिर हत्या के कई मामले भी सामने आए. राजनेता, गैर सरकारी संगठन, महिला कल्याण समूह और आम जनता दहेज उत्पीड़न के मामलों के खिलाफ के खिलाफ एक साथ आए हैं. सामाजिक बुराई के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 14 जुलाई को केरल के तिरुवनंतपुरम में दहेज विरोधी उपवास रखा जाएगा. दहेज लेने और देने की प्रथा के खिलाफ सामाजिक जागरूकता पैदा करने के लिए, तिरुवनंतपुरम में गांधी भवन में सुबह से शाम तक उपवास का आयोजन किया जाएगा.


BAMS की छात्रा की दहेज हत्या के बाद उबाल


केरल के राज्यपाल ने पिछले महीने दहेज उत्पीड़न के खिलाफ एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने का वादा किया था. उन्होंने उन लोगों के समूह में शामिल होने का भी वादा किया था जो इस मुद्दे को उठाने के लिए अनशन पर बैठेंगे. खान उस BAMS की छात्रा के परिवार से मिलने भी गए थे, जिसकी पिछले महीने उसके पति द्वारा देहज की मांग करने के बाद जान ले ली थी. श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, खान ने मीडिया से कहा था कि गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों को दहेज के खिलाफ अभियान में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.


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सीएम ने किया था ये ऐलान


पिछले महीने दहेज प्रताड़ना के कई मामले सामने आए, जिससे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा और ऐसे सभी मामलों से निपटने के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी को प्रभारी बनाया गया. विजयन ने यह भी घोषणा की कि अब से 'अपराजिता' नाम का एक ऑनलाइन शिकायत रजिस्ट्रेशन पोर्टल महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों का समाधान करेगा और घरेलू शोषण सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शिकायतें भी वहां दर्ज की जाएंगी.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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