Prisoners Pass Exam in UP Board: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर के लोकेश ने 12वीं में 72 फीसदी और गाजियाबाद के अर्जुन ने 10वीं में 76 फीसदी अंक हासिल किए हैं. जो बात इन दोनों को अन्य छात्रों से अलग करती है, वह यह है कि दोनों जेल में बंद हैं और परीक्षा सलाखों के पीछे से दी थी.


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लोकेश किडनैपिंग में है बंद


जेल अधिकारियों के मुताबिक, लोकेश सहारनपुर जेल में बंद है और उसे अपहरण और एक महिला को शादी के लिए मजबूर करने के मामले में दोषी ठहराया गया है. लोकेश पर मई 2018 में अपने ही रिश्तेदार की नाबालिग बेटी का अपहरण करने और उसे बस से करनाल ले जाने का आरोप था. बाद में नाबालिग के अपहरण और शादी के लिए मजबूर करने के आरोप में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


2021 में ठहराया गया था दोषी


उसे 30 सितंबर, 2021 को 10 साल की सजा के साथ आरोपों में दोषी ठहराया गया था. हालांकि, जेल में बंद रहने के बाद से लोकेश हमेशा से पढ़ना और खुद को सुधारना चाहता था. अधिकारियों ने कहा कि उसकी अंग्रेजी और इतिहास में गहरी दिलचस्पी है, जिसके लिए हमने जेल में ही सारी किताबें उपलब्ध करा दी थीं. वह 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले कैदियों में टॉपर है.


अर्जुन का मामला है विचाराधीन


वहीं, हत्या का आरोपी अर्जुन सिंह गाजियाबाद जेल में बंद है. उन्होंने कक्षा 10 में 76 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और गणित और विज्ञान में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अर्जुन का मामला विचाराधीन है, इसलिए वे टिप्पणी करने में सक्षम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वह आगे पढ़ना चाहता है और पढ़ाई में अपनी रुचि को आगे बढ़ाना चाहते हैं.


200 से अधिक कैदियों ने दिया एग्जाम


बता दें कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों (Uttar Pradesh Jail) में बंद 200 से अधिक कैदी न केवल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हुए. परिणामों में उत्तर प्रदेश में जेल के कैदियों (UP Jail Prisoners) ने इस साल हाईस्कूल में 90 फीसदी और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में 70 फीसदी सफलता हासिल की है.


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14 जिलों के कैदी परीक्षा में शामिल


जेल अधिकारियों ने कहा कि 2022 में 14 जिलों के कैदियों ने परीक्षा दी थी. कक्षा 12 की परीक्षा देने वाले 99 कैदियों में से 67 ने इसे पास किया, जबकि हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल हुए 119 कैदियों में से 104 ने परीक्षा पास की. जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि प्रदेश की जेलों में काफी बदलाव आया है. हमारे पास लगभग सभी जेलों में पुस्तकालय और अध्ययन की सुविधाएं हैं.



जेल कर्मचारी करते हैं मदद


अधिकारी ने कहा कि अगर किसी कैदी को पढ़ाई में मदद या सहायता की जरूरत है, यहां तक कि अपने शौक को भी पूरा करना है तो जेल कर्मचारी पूरी सहायता प्रदान करते हैं. हम उन कैदियों को प्रोत्साहित करते हैं जो अपने अध्ययन को पूरा करना चाहते हैं.  
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