Humayun wife Hamida Banu Begum: मुगल सल्तनत यानी मुगल वंश (Mughal Dynasty) की बात करें तो अकबर के बारे में तो बहुत से लोग जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जिन्हें इस बात की जानकारी होगी कि मुगलों की फैमिली में कुछ महिलाएं ऐसी भी थी जिनका नाम इतिहास के पन्नों में बड़े सम्मान के साथ दर्ज है. इन महिलाओं में मुगल बादशाह हुमायूं की पत्नी और बादशाह अकबर (Akbar) की मां हमीदा बानो बेगम (Hamida Banu Begum) का नाम सबसे पहले लिया जा सकता है.


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मुगल साम्राज्य का दूसरा शासक हुमायूं 


हुमायूं मुगल साम्राज्य का दूसरा शासक था. भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर के बेटे हुमायूं की जिंदगी में कई बुरे दौर आए. इन्हीं बुरे दौर में उनकी प्रेम कहानी शुरू हुई. बुरे दौर की वजह बना शेरशाह सूरी जिसने हुमायूं को 1539 में हुए चौसा के युद्ध में हराया और गद्दी से बेदखल करके मुगल साम्राज्य पर कब्जा कर लिया. अफगान सैनिकों ने पुख्ता तैयारी  के साथ हमला किया ताकि एक भी मुगल को बचने का मौका न मिले और उनका खेल खत्म हो जाए. हालांकि जैसा वो चाहते थे वैसा हुआ नहीं.


हुमायूं की पत्नियां


इतिहास के मुताबिक कहा जाता है कि हुमायूं की कई बेगम थीं जैसे- बेगा बेगम और हमीदा बानो बेगम समेत उनकी कई पत्नियां थीं. लेकिन हुमायूं सबसे ज्यादा हमीदा बानो बेगम से प्यार करते थे. आपको बताते चलें कि हुमायूं ने अपने बुरे वक्त के बीच हमीदा बानो बेगम से 29 अगस्त 1541 में निकाह किया था. हालांकि, ये अभी तक साफ नहीं है कि हमीदा बानो बेगम, हुमायूं की कौन-से नंबर की रानी थीं. लेकिन आपको बताते चलें कि हमीदा बानो बेगम एक खूबसूरत और बेहद काबिल और विद्दान महिला थीं.  


हमीदा बानो बेगम 


हमीदा बानो बेगम का जन्म 1527 में हुआ था. उन्हें पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था. उन्हें उस दौर की किताबों के संग्रह का शौक था. उनके पास कई विषयों की अलग-अलग किताबें थीं. कहा जाता है कि उन्हें उस दौर के भारत यानी हिंदुस्तान के बारे में जानने में दिलचस्पी थी. हमीदा बानो बेगम हिन्दाल के गुरु की बेटी थी और एक शिया खानदान से ताल्लुक रखती थीं. कहा जाता है कि हमीदा बानो की झलक उनके बेटे अकबर में दिखती थी. इन्हें मरियम मकानी की उपाधि मिली थी. इस उपाधि को बादशाह अकबर ने अपनी मां हमीदा बानो बेगम को दिया था. कहा जाता है कि हमीदा बानो बेगम की मृत्यु 29 अगस्त 1604 में हुई थी और जिनकी कब्र दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में बने हुमायूं के मकबरे में आज भी मौजूद है.


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