WhatsApp group admin arrest: आप भी किसी व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. दरअसल सरकार सोशल मीडिया से जुड़े नियम और गाइडलाइंस समय समय पर जारी करती रहती है. देश भर की पुलिस भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से लोगों को जागरूक करती रहती है. इसके बावजूद अगर आप कुछ काम की बातों पर ध्यान नहीं देते तो फौरन सतर्क हो जाइए. क्योंकि किसी और की नादानी आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है. यहां जरा सी चूक भी आपको 'करे कोई और भरे कोई' वाली कहावत का शिकार बना सकती है. 


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मुंबई की पोस्ट पर झुंझुनूं में कार्रवाई  


आपके व्हाट्सएप ग्रुप में कौन क्या कर रहा है सभी पर आप हमेशा नजर नहीं रख सकते हैं. ऐसे में तमाम फिल्टर लगाने के बावजूद कभी न कभी कुछ ऐसा टेक्स्ट या तस्वीर पोस्ट हो जाती है जिस पर बवाल मच जाता है. तो कभी दिखावा करने के चक्कर में किसी एक की करतूत पूरे ग्रुप के लोगों की परेशानी का सबब बन जाती है. जाहिर तौर पर कोई भी गैरकानूनी होने पर व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्य पुलिस के राडार पर आ जाते हैं. इसकी ताजा मिसाल राजस्थान (Rajasthan) के झुंझनू (Jhunjhunu) जिले के बिसाऊ इलाके में सामने आई. जहां व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य ने मुंबई से हथियार के साथ फोटो शेयर की तो ग्रुप के दो एडमिन को यहां राजस्थान में गिरफ्तार कर लिया गया.   


पूछताछ के लिए बुलाया गया था थाने


आपको बता दें कि एक व्हाट्सएप ग्रुप के दोनों एडमिनों को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. जहां पुलिस से ही उलझने पर दोनों को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया. झुंझुनूं के बिसाऊ कस्बे में व्हाट्सएप ग्रुप पर एक व्यक्ति द्वारा हथियार सहित फोटो डालने पर बिसाऊ थानेदार कमलेश कुमार ने ग्रुप एडमिन को बुलाया था. दोनों पुलिस को सही जवाब देने के बजाए आक्रोशित होकर पुलिस पर भड़कने लगे. जिसके बाद उन्हें शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. 


दहशत और भय फैलाने का आरोप


पुलिस के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप पर हथियारों के जखीरे की फोटो दिखी तो पुलिस ने सोशल मीडिया पर आम जनता में मन में दहशत और भय उत्पन्न करने वाली तस्वीरों को लेकर ग्रुप एडमिन सलीम न्यारिया और अब्दुल सकूर से मुंबई वाले शख्स का नाम और पता पूछा तो दोनों ने कहा वो ग्रुप का एक्टिव मेंबर जावेद है, जो मुंबई में रहता है. जब उनसे कहा गया कि ग्रुप में हथियारों की फोटो वायरल नहीं करें आगे से ध्यान रखना. तब दोनों की करतूत पर पुलिस ने धारा 151 यानी शांति भंग के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें सबक सिखा दिया. राजस्थान के इस मामले से देश के सभी ग्रुप एडमिन को सीख लेते हुए अपने ग्रुप का ध्यान रखते हुए उसे सही तरीके से चलाने की कोशिश करनी चाहिए.


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