3 June 1947 Mountbatten Plan: भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हुई थी, जब 200 से अधिक वर्षों के ब्रिटिश शासन से देश मुक्त हुआ. यह एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने भारत के लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए. देश की आजादी की तारीख (15 अगस्त 1947) तो सभी को याद है लेकिन इसे हकीकत में बदलने के लिए कई ऐसी तारीख रहीं, जिस दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. आज हम आपको 3 जून 1947 के बारे में बताने जा रहे हैं.. जब देश की आजादी को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया गया था. 


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आसान नहीं थी देश की आजादी


18वीं शताब्दी में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे भारत पर अपना नियंत्रण स्थापित करना शुरू कर दिया था. 19वीं शताब्दी में, भारतीयों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई विद्रोह किए, जैसे कि 1857 का विद्रोह. 20वीं शताब्दी में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत स्वतंत्रता आंदोलन एक शक्तिशाली राष्ट्रवादी आंदोलन बन गया. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई नेताओं, क्रांतिकारियों और आम नागरिकों ने योगदान दिया. कुछ प्रमुख नेताओं में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, और सुभाष चंद्र बोस शामिल थे.
असहयोग आंदोलन, नागरिक अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलन चलाए गए.


3 जून 1947 भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण दिन


अब आपको देश की आजादी के इतिहास में दर्ज तारीख- 3 जून 1947 के बारे में बताते हैं. 3 जून 1947 भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था. इस दिन ब्रिटिश भारत के विभाजन और आजादी की घोषणा की गई. इस योजना को माउंटबेटन योजना के नाम से जाना जाता है. यह योजना भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा तैयार की गई थी. इस दिन ही लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947 तय की थी.


लिया गया विभाजन का फैसला


इस दिन फैसला लिया गया कि भारत को दो आजाद देश भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जाएगा. सिख बहुल क्षेत्रों का भविष्य जनमत संग्रह द्वारा तय किया जाएगा. पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल का विभाजन धार्मिक आधार पर होगा. सिंध को पाकिस्तान में शामिल किया जाएगा. 30 जून 1948 तक सत्ता का हस्तांतरण होगा. माउंटबेटन योजना ने भारत के विभाजन को मंजूरी दे दी. जिसके बाद लाखों लोगों का विस्थापन और सांप्रदायिक हिंसा हुई.


लॉर्ड माउंटबेटन योजना


लॉर्ड माउंटबेटन योजना ने भारत और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों को जन्म दिया जो आज भी विवाद के बड़े कारण हैं, जैसे कि कश्मीर का मुद्दा. यह योजना सभी पक्षों को संतुष्ट करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप विभाजन के दौरान व्यापक हिंसा हुई. यह योजना जल्दबाजी में तैयार की गई थी और इसमें कई खामियां थीं. फिर भी इस तारीख ने भारत की आजादी की मजबूत बुनिया रखी और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया.


भारत की आजादी की महत्वपूर्ण तारीखें


भारत का स्वतंत्रता संग्राम एक लंबा और कठिन संघर्ष था, जो कई दशकों तक फैला रहा. इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं जिसने भारत की आजादी की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


1857 सिपाही विद्रोह


1857 के सिपाही विद्रोह को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है. यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह था. हालांकि यह विद्रोह विफल रहा, लेकिन इसने भारत में राष्ट्रवाद की भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड


1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड का जिक्र आज भी आंखों में आंसू ला देता है. जिसमें ब्रिटिश सैनिकों ने एक शांतिपूर्ण सभा पर गोलियां चला दीं. यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था. इस घटना ने पूरे भारत में भारी गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया.


1920 महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन


1920 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू किया. जिसका उद्देश्य ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना था. यह आंदोलन भारत में स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था.


1930 नमक सत्याग्रह


1930 में महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया. जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कर कानून का विरोध किया. यह भारत में स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना थी.


1942 भारत छोड़ो आंदोलन


1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व भी महात्मा गांधी ने किया था. यह भारत की आजादी की मांग करने वाला एक बड़ा आंदोलन था. यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी.