Nahom Bakery Chicken Patty: पश्चिम बंगाल में कोलकाता की नाहोम बेकरी का युवाओं में तगड़ा क्रेज है. ये बेकरी 122 साल पुरानी है. नाहोम बेकरी की चिकन पैटी लोगों के जुबान पर लगी हुई है. लेकिन अब इसे लेकर एक बुरी खबर है. नाहोम बेकरी ने अपने मेन्यू से चिकन पैटी को हटा दिया है. आइये आपको बताते हैं बेकरी ने चिकन पैटी को मेन्यू से क्यों हटाया और इसका इजरायली कनेक्शन क्या है.


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नहीं मिल रहा कोशेर चिकन


नाहोम बेकरी का दावा है कि वे अपने चिकन पैटी में कोशेर चिकन का इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब कोशेर चिकन न मिलने की वजह से उन्हें चिकन पैटी को मेन्यू से बाहर करना पड़ रहा है. और यह फैसला नाहोम बेकरी के यहूदी मालिक का है. कोलकाता की नाहोम बेकरी का सीधा कनेक्शन इजरायल से है. नाहोम बेकरी के मालिक एडम नाहोम इजरायल में रहते हैं और उनके ही निर्देश पर बेकरी से चिकन के सारे आइटम को हटा दिया गया है. अब आप सोच रहे होंगे ये कोशेर चिकन होता क्या है?


क्या होता है कोशेर चिकन


कोशेर चिकन के बारे में आपको बता दें कि यह चिकन की कोई किस्म नहीं है. बल्कि यह चिकन का काटने या उसके वध का तरीका है. जिस तरह हिन्दुओं में झटका होता है.. मुस्लिमों में हलाल होता है.. वैसे ही यहूदियों में कोशेर होता है.


यहूदी धर्म के खान-पान के नियम


कोशेर चिकन यहूदी धर्म के खान-पान के नियम में आता है. जिसे काशरूट भी कहा जाता है. यहूदी धर्म में कुछ विशिष्ट नियमों के अनुसार ही खाद्य पदार्थों को खाना स्वीकार्य होता है. इन्हीं नियमों का पालन करते हुए तैयार किए गए खाद्य पदार्थ को कोशेर कहा जाता है. कोशेर चिकन के लिए केवल एक विशेष नस्ल के मुर्गे का इस्तेमाल किया जाता है. इस नस्ल के मुर्गे को शख्ता कहा जाता है.


कोशेर का धार्मिक महत्व


बता दें कि यहूदी धर्म में कोशेर खाद्य पदार्थों को खाने का धार्मिक महत्व है. यह माना जाता है कि कोषेर खाद्य पदार्थ शुद्ध और पवित्र होते हैं. कुछ लोग मानते हैं कि कोशेर खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं क्योंकि इनमें कम वसा और कोलेस्ट्रॉल होता है. कोशेर चिकन को विशेष रूप से कोशेर खाद्य पदार्थ बेचने वाली दुकानों पर मिलता है. कुछ बड़े सुपरमार्केट में भी कोशेर खाद्य पदार्थों का एक अलग सेक्शन होता है.


122 साल पुरानी नाहोम बेकरी


कोलकाता में नाहोम बेकरी का संचालन करने वाले हलदर ने कहा कि यह निर्णय जनवरी में ही ले लिया गया था. इसे धीरे-धीरे लागू किया गया है, जिसमें यहूदी परंपराओं के तहत शनिवार को बेकरी बंद करना भी शामिल है. लेकिन बेकरी अपने फेमस केक और पेस्ट्री की बिक्री को बंद नहीं करेगी. 1902 में कोलकाता में इस बेकरी को शुरू किया गया है. 1916 में यह वर्तमान स्थान पर शिफ्ट की गई थी. नाहोम बेकरी कोलकाता के खानपान संबंधी समृद्ध इतिहास का प्रतीक है.