नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के मुद्दे पर आक्रोशित मोदी सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि जाधव को बचाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, वह सरकार करेगी और जाधव के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.


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लोकसभा में आज सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने पर पूरा देश न केवल चिंतित है बल्कि आक्रोशित भी है. सरकार इस सजा की कड़ी निंदा करती है जो कि कानून और न्याय के मूलभूत सिद्धांतों को ध्यान में रखे बिना सुनाई गई है.’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए भारत सरकार को जो भी करना पड़ेगा वह करेगी. कुलभूषण के साथ न्याय होगा.’ 


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गृह मंत्री ने बताया कि जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं जो ईरान के चाबहार में छोटा मोटा कारोबार करते थे और इसमें एक स्थानीय ईरानी नागरिक उनका पार्टनर भी था. कारोबार के सिलसिले में उनका चाबहार में आना-जाना लगा रहता था. मार्च 2016 में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने चाबहार से जाधव का अपहरण किया और पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष उन्हें भारतीय जासूस के रूप में पेश किया गया. 


राजनाथ सिंह ने बताया कि पाकिस्तान का कहना था कि जाधव के पास से एक वैध भारतीय पासपोर्ट मिला है. गृह मंत्री ने कहा, ‘वैध पासपोर्ट मिलना इस बात का सबूत कैसे हो जाता है कि वह भारतीय जासूस थे. यह घटना पाकिस्तान को बेनकाब करती है.’ उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास ने 13 बार जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराने के प्रयास किए लेकिन काउंसलर एक्सेस जाधव को मुहैया नहीं करायी गयी. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत बिना काउंसलर एक्सेस के सुनाई गी इस सजा की कड़ी निंदा करता है.


कुलभूषण को कुछ भी हुआ तो भारत-पाक संबंधों पर असर : राज्यसभा में सुषमा


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने के मुद्दे पर कहा कि वो निर्दोष हैं, उन्हें अगवा किया गया है. सुषमा ने कहा कि कुलभूषण को साजिश का शिकार बनाया गया है. उन्होंने पाकिस्तान में ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसके आधार पर उन्हें मौत की सजा सुनाई जाए. मैं पाकिस्तान को बताना चाहती हूं कि अगर कुलभूषण को मौत की सजा दी गई तो यह सुनियोजित हत्या होगी और भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.


इससे पहले पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ के आरोप में मौत की सजा देने को लेकर संसद में चर्चा शुरू हुई. लोकसभा में इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सवाल उठाया कि कुलभूषण को मौत की सजा के मुद्दे पर सरकार चुप क्यों बैठी है. कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास मौत की सजा देने का कोई सबूत नहीं होने के बावजूद आखिर मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है. उन्होंने कहा कि अगर कुलभूषण नहीं बचा तो यह पूरी तरह से सरकार की कमजोरी होगी. खड़गे ने कहा कि अगर कुलभूषण को मौत की सजा दी जाती है तो यह हत्या होगी. खड़गे ने कहा कि चंदू चव्हाण की तरह ही कुलभूषण को भी वापस लाया जाना चाहिए.


ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कुलभूषण को सुरक्षित भारत लाए. पाकिस्तान की अदालत बिना सबूत के सजा देती है. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने विपक्ष और देश की चिंताओं का सम्मान करते हुए कहा कि देश कुलभूषण जाधव के साथ है। इस बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह संसद में बयान देंगे.


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मालूम हो कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ में दोषी पाये जाने के बाद उसे मौत की सजा सुनायी है जिस पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान यदि मौत की सजा को तामील करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर उन्हें 'डिमार्शे' दिया जिसमें कहा गया है कि जिस कार्यवाही के आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह ‘हास्यास्पद’है और उनके खिलाफ कोई ‘विश्वसनीय साक्ष्य’नहीं हैं.