लखीमपुर हिंसा: चश्मदीद ने सुनाई आपबीती, कहा- आशीष मिश्रा को जान से मारने की तैयारी थी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में रविवार को हुई हिंसक झड़प के चश्मदीद बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने बेहद हैरान करने वाले दावे किए हैं. सुमित के दावों पर यकीन करें तो उस दिन बड़ी साजिश के तहत हिंसा को अंजाम दिया गया.
लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) को लेकर देश में सियासत जारी है. घटना के कई कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायर किए जा रहे हैं. आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी एक वीडियो शेयर किया और सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. विपक्षी दलों द्वारा इस वीडियो के आधार पर कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों को कुचला गया लेकिन हिंसा के दौरान उसी गाड़ी से निकलकर जान बचाकर भागे बीजेपी कार्यकर्ता ने अलग ही दावे किए हैं.
जान से मारने के इरादे से हुआ हमला?
लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में जान बचाकर भागे बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने बताया, 'गाड़ी जैसे ही प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची उन्होंने पत्थराव शुरू कर दिया. लाठी, डंडों से हमला किया. इसी दौरान ड्राइवर घायल हो गया और गाड़ी एक किनारे जाकर लग गई, मैं वहां से भग गया.' सुमित जायसवाल के मुताबिक उस समय बेहद दशहत का माहौल था. लोग चारों तरफ से गाड़ी पर चढ़ रहे थे, जान से मारना चाह रहते थे.
'खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे'
बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने बताया कि ये हादसा तब हुआ जब वे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के स्वागत के लिए जा रहे थे. उनके मुताबिक ये सुनियोजित हमला था. गंभीर आरोप लगाते हुए सुमित ने कहा कि आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को जान से मारने की तैयारी थी. चूंकि गाड़ी आशीष मिश्रा की थी इसलिए वहां पहुंचते ही लाठी-डंडों से हमला हुआ. सुमित जायसवाल ने दावा किया कि हिंसा के दौरान उपस्थित लोग खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. उन्होंने कहा कि ये किसान नहीं थे, किसान के रूप में दहशतगर्द, दंगाई, गुंडे थे.
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केंद्रीय मंत्री ने किया बड़ा ऐलान
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि अगर कोई उनके बेटे आशीष मिश्रा के मौके पर मौजूद होने का एक भी सबूत पेश करेगा तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर हमला किया और एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित तीन अन्य की हत्या कर दी. अजय मिश्रा ने कहा, 'हमारे स्वयंसेवक हमारे मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए थे और मैं उनके साथ था. उसी समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने काफिले पर हमला किया, इस दौरान कार के चालक को चोट लगी और वह संतुलन खो बैठा, जिसके परिणामस्वरूप कार पलट गई.' आशीष मिश्रा के खिलाफ हिंसा के सिलसिले में FIR दर्ज की गई है.
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