Indian Republic Day chief guest: इस बार भारत सरकार ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. यह तीसरी बार है जब भारत के गणतंत्र दिवस परेड में तीसरी बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचेंगे. इसी बीच इस मामले में एक पेच फंस गया है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि राष्ट्रपति सुबियांतो 26 जनवरी को पाकिस्तान भी जाएंगे. इसके बाद बाद मामले में भारत की नजर है. भारत नहीं चाहता कि सुबियांतो भारत की यात्रा को पाकिस्तान की यात्रा के साथ जोड़ें. 


इस्लामाबाद की 3 दिन की यात्रा?


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दरअसल, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होने की संभावना पर काफी समय से चर्चा हो रही है, लेकिन अब तक इस पर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है जो आमतौर पर महीनों पहले की जाती है. पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आईं कि राष्ट्रपति सुबियांतो 26 जनवरी को इस्लामाबाद में 3 दिन की यात्रा पर जा सकते हैं. इसके बाद मामले में ट्विस्ट है.


'पाकिस्तान को हिस्सा न बनाएं'


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने हाल के वर्षों में विदेशी नेताओं से आग्रह किया है कि वे भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को अलग-अलग रखें और भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान को अपनी यात्रा का हिस्सा न बनाएं. सूत्रों के अनुसार भारत ने इस मुद्दे को कूटनीतिक रूप से इंडोनेशिया के साथ उठाया है और उम्मीद जताई है कि सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह के बाद सीधे पाकिस्तान न जाएं. 


ऐसा माना जाता है कि भारतीय सैन्य परेड के तुरंत बाद इस्लामाबाद की यात्रा भारत के लिए नकारात्मक संकेत दे सकती है, खासकर पाकिस्तान के साथ सीमा पार आतंकवाद जैसे विवादित मुद्दों के चलते. उधर दिसंबर में मिस्र में एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के दौरान सुबियांतो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने की बात कही थी.


 विदेश नीति पर आधारित मजबूत संबंध


भारत और इंडोनेशिया के बीच राजनीतिक स्वतंत्रता, आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र विदेश नीति पर आधारित मजबूत संबंध हैं. इंडोनेशिया, आसियान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है. 2016 में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग के लिए एक व्यापक योजना बनाने पर सहमति जताई थी.


मालूम हो कि यह तीसरी बार है जब किसी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण दिया गया है. 1950 में पहली बार और 2018 में जोको विडोडो को भी इस अवसर पर आमंत्रित किया गया था. हालांकि विडोडो ने भी अपनी भारत यात्रा के तुरंत बाद पाकिस्तान की यात्रा की थी. भारत अब यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस बार ऐसा न हो ताकि संबंधों में कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े.