नई दिल्ली : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश के लिए गहन प्रयास करने के बीच भारत ने मंगलवार को कहा कि 48 सदस्यीय समूह का सदस्य बनने की उसकी आकांक्षा के लिए लातिनी अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी) क्षेत्र ‘महत्वपूर्ण’ है। इस समूह में ब्राजील, अर्जेंटिना और मेक्सिको मौजूदा सदस्य हैं।


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विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने मेक्सिको में सातवें भारत-एलएसी सम्मेलन के उद्घाट्न सत्र में कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एलएसी क्षेत्र का काफी महत्व है और भारत का मौजूदा तेल आयात का करीब 18.20 प्रतिशत इसी क्षेत्र से होता है।


उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र के साथ संबंधों को काफी महत्व देता है। उन्होंने कहा कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर मौजूदा चलन को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से है तथा वह लातिनी अमेरिका पर विशेष जोर दे रहा है।


सिंह ने कहा कि भारत और एलएसी में करीब 1.8 अरब लोग रहते हैं और दोनों पक्ष बहुआयामी संबंधों को बढ़ाने तथा परस्पर सहभागिता के लिए नए रास्ते खोजने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि करीब चार ट्रिलियन डालर की साझा जीडीपी के साथ एलएसी एक महत्वपूर्ण आर्थिक ताकत है।


व्यापार मोर्चे पर उन्होंने कहा कि 2001 में यह दो अरब डॉलर था जो 2015 में बढ़कर 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया।


उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि एलएसी क्षेत्र के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार अब भी देश के कुल बाहरी व्यापार का छोटा हिस्सा ही है। यह प्रदर्शित करता है कि द्विपक्षीय व्यापार के क्षेत्र में अभी व्यापक संभावनाएं हैं।