नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा से कहा है कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करें. समझा जाता है कि कानून मंत्री द्वारा सीजेआई को यह पत्र भेजे जाने के साथ ही शीर्ष अदालत में नये प्रधान न्यायाधीश के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. न्यायमूर्ति मिश्रा दो अक्तूबर को सेवानिवृत होने वाले हैं. कानून मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हाल में सीजेआई को पत्र भेजा गया. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई उच्चतम न्यायालय में सीजेआई के बाद सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. इस साल जनवरी में चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद न्यायमूर्ति गोगोई की अगले सीजेआई पद पर नियुक्ति को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं. चारों न्यायाधीशों ने विभिन्न मुद्दों, खासकर चुनिंदा पीठों को अहम मामले आवंटित करने पर, न्यायमूर्ति मिश्रा की आलोचना की थी. 


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न्यायमूर्ति गोगोई, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने यह प्रेस कांफ्रेंस की थी, जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में अपनी तरह की संभवत: पहली प्रेस कांफ्रेंस थी. उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति को निर्देशित करने वाले प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) के मुताबिक, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर इस पद के लिए उपयुक्त समझे जाने वाले उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश की नियुक्ति की जानी चाहिए.’’ 


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एमओपी में कहा गया है कि किसी उचित समय पर कानून मंत्री निवर्तमान सीजेआई से अगले सीजेआई की नियुक्ति के बाबत सिफारिश करने की मांग करेंगे. इस प्रक्रिया के तहत, सीजेआई की सिफारिश प्राप्त होने के बाद कानून मंत्री इसे प्रधानमंत्री के समक्ष पेश करते हैं, जो नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं. 


एमओपी के मुताबिक, ‘‘सीजेआई का पद संभालने के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की उपयुक्तता पर कोई संदेह होने की स्थिति में अगले सीजेआई की नियुक्ति के लिए अन्य न्यायाधीशों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा.’’ कानून मंत्री प्रसाद ने हाल में कहा था कि अगले सीजेआई की नियुक्ति के बारे में सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिये. उन्होंने कहा था कि जब वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी का नाम सुझाएंगे तब परिपाटी के अनुसार सरकार फैसला करेगी.


(इनपुट-भाषा)