लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू कराने वाले पंजाब पुलिस के DSP पर हो गया एक्शन, क्या बोली भगवंत सरकार?
Punjab Police: फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई पहले ही कई आपराधिक मामलों में आरोपी है. उसका यह इंटरव्यू जनता और मीडिया के बीच चर्चा का विषय बना था. इसी मामले में अक्टूबर 2023 में सात अन्य पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था.
Lawrence Bishnoi Interview: गुजरात की साबरमती जेल में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पिछले कुछ दिनों से फिर चर्चा में है. पिछले दिनों जहां उसने अपनी एक जूनियर विंग बनाने की योजना बनाई जिसका खुलासा हुआ था और अब उससे जुड़े एक पुलिस अधिकारी पर एक्शन लिया गया है. हुआ यह था कि 2023 में जब वह खरड़ में अपराध जांच एजेंसी की हिरासत में था तो एक निजी समाचार चैनल ने उसका इंटरव्यू प्रसारित किया था. इस इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग की सुविधा देने के आरोप में पंजाब सरकार ने पुलिस उपायुक्त (DSP) गुरशेर सिंह संधू को बर्खास्त कर दिया.
पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाया!
दरअसल, पंजाब सरकार ने गृह विभाग के सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह के माध्यम से बर्खास्तगी का आदेश जारी किया. DSP संधू को संविधान के अनुच्छेद-311 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करके सेवा से हटाया गया. इस कदम को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया. सरकार ने कहा कि संधू की कार्रवाई ने पुलिस विभाग की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है.
मार्च 2023 में इंटरव्यू
मामला यह था कि मार्च 2023 में प्रसारित इंटरव्यू ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था क्योंकि यह एक कुख्यात गैंगस्टर का मीडिया में सीधे तौर पर पेश किया जाना था. SIT की जांच में पाया गया कि DSP संधू ने उस समय बिश्नोई के इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग की अनुमति दी, जब वह पुलिस हिरासत में था. इसी मामले में अक्टूबर 2023 में सात अन्य पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था.
लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं
अब इस कार्रवाई पर पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया कि वह कदाचार और कर्तव्य में लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस घटना ने पुलिस विभाग की साख को नुकसान पहुंचाया है. सरकार का यह कदम विभागीय अनुशासन को बनाए रखने और जनता का विश्वास पुनः स्थापित करने की दिशा में लिया गया है.
फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई पहले ही कई आपराधिक मामलों में आरोपी है. उसका यह इंटरव्यू जनता और मीडिया के बीच चर्चा का विषय बना. सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाकर संकेत दिया था. पंजाब सरकार का भी कहना था कि वह कानून व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी.