IMA में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल को मिला कोर्ट मार्शल, हवलदार की पत्नी से बनाए थे संबंध, डोनेट किया था स्पर्म
अधिकारी पर आरोप ये भी था कि जानते हुए कि महिला कलर्क की शादी सेना के एक हवलदार से हुई है, उसके साथ प्रेम संबंध बनाए. एक अन्य आरोप महिला की सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी प्रक्रिया के लिए स्पर्म डोनेट करने से संबंधित था.
देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में तैनात एक लेफ्टिनेंट कर्नल को सेना ने एक महिला क्लर्क के साथ संबंध बनाने और स्पर्म डोनेट करने के आरोप में कोर्ट-मार्शल कर दिया गया. अधिकारी ने 11 अप्रैल को शुरू हुए कोर्ट मार्शल प्रक्रिया के दौरान अपने खिलाफ सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया.
अधिकारी को कड़ी फटकार के साथ-साथ लेफ्टिनेंट कर्नल की मूल रैंक, रैंक की तीन साल की वरिष्ठता और तीन साल बढ़े हुए वेतन की सेवा को छीन लिया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल सेना शिक्षा कोर से जुड़े थे और आईएमए की शैक्षणिक शाखा में तैनात थे.
उन्होंने कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक हवलदार की पत्नी और लोअर-डिवीजन क्लर्क के पद पर काम करने वाली महिला के साथ संबंध बनाए. अधिकारी भी शादीशुदा थे लेकिन उनकी पत्नी अपने दो बच्चों के साथ लखनऊ में रह रही थीं. जांच के दौरान, यह पता चला कि अधिकारी कई बार महिला के साथ गया और उसे अपना स्पर्म डोनेट किया.
मामले का खुलासा तब हुआ जब अधिकारी ने महिला से संपर्क करना बंद कर दिया. इसके बाद महिला ने अधिकारी के बारे में पुलिस में और आर्मी अधिकारियों से शिकायत की.
मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील शैलेंद्र कुमार सिंह और केशव शर्मा ने केस लड़ा. इस अभियोजन का संचालन पूर्व जज एडवोकेट-जनरल के शाखा अधिकारी और दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता कर्नल वीरेंद्र सिंह (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया.
लेफ्टिनेंट कर्नल ने शुरू में सेना अधिनियम की धारा 45 और 63 के तहत लगाए गए सभी तीन आरोपों में एक अधिकारी के रूप में अशोभनीय व्यवहार करने और अच्छे आदेश व सैन्य अनुशासन के प्रतिकूल कार्य करने के लिए "दोषी नहीं" ठहराने का अनुरोध किया.
एक आरोप ये भी था कि जानते हुए कि महिला कलर्क की शादी सेना के एक हवलदार से हुई है, उसके साथ प्रेम संबंध बनाए. एक अन्य आरोप महिला की सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी प्रक्रिया के लिए स्पर्म डोनेट करने से संबंधित था और तीसरा आरोप महिला को अपनी पत्नी के रूप में दिखाने के लिए अनुचित तरीके से आश्रित कार्ड बनाने से संबंधित था.
अभियोजन पक्ष द्वारा अधिकारी और महिला के बीच व्हाट्सएप चैट और फोन रिकॉर्डिंग सहित तीन आरोपों पर मामले का विवरण दिया और उन्होंने अपनी दोषी नहीं वाली दलील वापस ले ली. इसके बाद उन्हें "सभी आरोपों के लिए दोषी" करार दिया गया और उनका कोर्ट मार्शल कर दिया गया.