Parliament Session: खुलकर कांग्रेस की पिछली सरकार पर क्यों बरसे ओम बिरला, विपक्ष ने शोर किया लेकिन...
Om Birla: ओम बिरला लोकसभा के नए स्पीकर चुने गए और स्पीकर का पद संभालते ही अपने पुराने अंदाज में नजर आए. इसके बाद आपातकाल की कड़ी निंदा करते हुए ओम बिरला उस समय की कांग्रेस सरकार पर जमकर बरसे.
Om Birla on Emergency in Lok Sabha: ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर चुने गए हैं. बुधवार को ध्वनि मत से उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुना गया, जिसके बाद उन्हें पीएम मोदी और राहुल गांधी स्पीकर की कुर्सी तक ले गए. इसके बाद ओम बिरला ने स्पीकर पद का कार्यभार संभाला. स्पीकर का पद संभालते ही ओम बिरला अपने पुराने अंदाज में नजर आए और आपातकाल (Emergency) की कड़ी निंदा करते हुए उस समय की कांग्रेस सरकार पर जमकर बरसे. इस दौरान विपक्ष हंगामा करता रहा और शोर मचाता रहा, लेकिन ओम बिरला नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा. हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष बंटा नजर आया और सपा-टीएमसी ने कांग्रेस का समर्थन नहीं किया.
इंदिरा गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला किया था: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) का कहना है, 'यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी निभाई. 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने देश में आपातकाल लगाया था और बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया था. भारत को पूरे विश्व में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है. भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और बहस का समर्थन किया गया है. लोकतांत्रिक मूल्यों की सदैव रक्षा की गई है, उन्हें सदैव प्रोत्साहित किया गया है. ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी ने तानाशाही थोपी थी. भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया.'
विपक्ष ने शोर किया, लेकिन बंटा आया नजर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने जब इमरजेंसी को लेकर प्रस्ताव पेश किया, तब विपक्ष ने जमकर शोर किया, लेकिन इस मुद्दे पर विपक्ष बंटा भी नजर आया. इमरजेंसी को लेकर प्रस्ताव का विरोध सिर्फ कांग्रेस के सांसदों ने किया. समाजवादी पार्टी (एझ) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया. इसके साथ ही जब जब इमरजेंसी के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने की बारी आई तो सपा और टीएमसी के सांसद खड़े हो गए. सदन में इमरजेंसी के मुद्दे पर विपक्ष बंटा हुआ दिखा.