गणेश चतुर्थी पर मनोकामना पूर्ति के लिए ऐसे करें गणेश उपासना
बुधवार को भगवान गणेश की आराधना भी आपके लिए फलदायी होती है. हिंदू संस्कृति में भगवान गणेश का सर्वोपरि स्थान है. प्रत्येक मंगल कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान जरूरी है.
नई दिल्ली : गणेश चतुर्थी पर्व को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का विशेष महत्व होता है. इस पूजन में छोटी- छोटी बातों का विशेष महत्व होता है. इस बार गणेश चतुर्थी पर 58 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है. इस कारण इस बार गणेश चतुर्थी और भी अधिक खास हो गई है. हिंदू धर्म में प्रत्येक मंगल कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है. यदि गणेश पूजा को पूरी विधि-विधान से किया जाए तो यह बहुत फलदायी होती है. पूजन के दौरान यदि आपसे कोई गलती हो जाए तो यह शुभ नहीं होता.
भगवान गणेश की आराधना के लिए बुधवार का दिन भी विशेष फलदायी होता है. हिंदू संस्कृति में भगवान गणेश का सर्वोपरि स्थान है. प्रत्येक मंगल कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान जरूरी है. इस बार की गणेश चतुर्थी खास है क्योंकि जिस दिन गणेश चतुर्थी है उसी दिन शनि अपनी सीधी चाल चलेंगे. आगे पढ़िए गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा विधि और उसे करने से होने वाले फायदों के बारे में.
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार गणेश चतुर्थी 25 अगस्त 2017 को है. घर में या प्रतिष्ठान में गणेश जी की मूर्ति लाने का समय सुबह 07:38 से 08:32 तक रहेगा. वहीं गणेश पूजन का शुभ समय प्रातः 09:15 से 10:28 बजे तक और दोपहर 12:16 से 01:17 तक है.
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तब हुआ था मनोरथ पूरा
देवता भी अपने कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा करने के लिए पहले गणेश जी का ध्यान करते हैं. शास्त्रों में भी भगवान गणेश की महत्ता का वर्णन किया गया है. बताया गया है कि एक बार भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हो गए. असफलता पर महादेव ने विचार किया तो शिवजी को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे. इसके बाद शिवजी ने गणेश पूजन करके दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ.
ऐसे करें गणेश पूजन
हिंदू शास्त्रों में गणेश जी को सभी दुखों और परेशानियों को हरने वाला देवता बताया गया है. गणेश उपासना से शनि समेत सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. गणेश चतुर्थी वाले दिन गणेश पूजन के लिए सुबह के समय स्नानादि से निवृत्त होकर सबसे पहले गणेश प्रतिमा को पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके लाल रंग के आसन पर विराजमान करें.
यह चढ़ाएं, यह न चढ़ाएं
इसके बाद आप शुद्ध आसन पर भगवान के सामने अपना मुख करके बैठे और भगवान का ध्यान करते हुए पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन और मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित करें. हिंदू धर्म में भगवान गणेश के पूजन में तुलसी दल और तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें किसी शुद्ध स्थान से चुनी हुई दुर्वा (दूब घास) को धोकर ही चढ़ाना चाहिए.
मोदक है प्रिय भोग
भगवान गणेश को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. पूजा करते समय क्रोध नहीं करना चाहिए. यह आपके और परिवार दोनों के लिए ही हानिकारक हो सकता है. सभी चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान गणेश का स्मरण कर 'ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए.
ऊपरी हवा से छुटकारा
बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है. घर में किसी पर ऊपरी हवा का असर भी नहीं होता. धन की समस्या दूर करने या रोजगार में सफलता के लिए बुधवार को श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं. थोड़ी देर बाद भोग लगाए हुए घी और गुड़ गाय को खिला दें. ये उपाय करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है.
परिवार में कलह है तो
परिवार में कलह हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतीकात्मक मूर्ति बनवाएं. इसे घर में पूजा के स्थान में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें. क्लेश कम हो जाएगा. घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाएं. बिल्कुल ऐसी ही प्रतिमा घर के अंदर भी लगाएं. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.