मुंबई: औरंगाबाद (Aurangabad) शहर का नाम बदलने को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. इस बीच औरंगाबाद एक और वजह से सुर्खियों में हैं. जिले के कुछ ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यहां पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले में नगर निगम द्वारा नियुक्त कुछ ठेकेदारों ने भगवान राम (Bhagwan Ram) के चित्र वाले बैनर हटा दिए. 


मंदिर निर्माण का चंदा अभियान  


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औरंगाबाद के बीजेपी नेताओं का आरोप है कि उन बैनरों पर, अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए चंदा एकत्र करने का आह्वान किया गया था. नाराजगी की वजह ये भी है कि भगवान की तस्वीर लगे इन बैनरों और अन्य प्रचार सामग्री को कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ी में ले जाया गया. उक्त बैनर शहर के हिंदू राष्ट्र चौक, मल्हार चौक और अन्य इलाकों में लगाए गए थे. लेकिन अचानक जब एक साथ इन इलाकों से ये बैनर उतारे गए तब जाकर हुई पड़ताल में ये मामला सामने आया. 


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बीजेपी ने की सख्त कार्रवाई की मांग


औरंगाबाद के इन ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. बीजेपी का कहना है कि भगवान राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं. इसलिए ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भगवान के पोस्टर को इस तरह कूड़ा गाड़ी में ले जाने का मुद्दा गर्मा गया है. कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा. 


इस वजह से सुर्खियों में है औरंगाबाद


इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र ‘सामना’ में पार्टी सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, 'कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का विचार है कि औरंगाबाद को संभाजीनगर (Sambhaji Nagar) का नाम नहीं दिया जाना चाहिए.' राउत ने कहा कि औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था वो एक क्रूर प्रशासक था. वहीं इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के बड़े नेता बाला साहेब थोराट (Balasaheb Thorat) ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में पिछले कई साल तक रहे लोग अब नाम बदलने को लेकर राजनीति कर रहे हैं.


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