Luni River: ऐसी नदी जो निकलती पहाड़ों से है, लेकिन समुद्र तक पहुंचने से पहले हो जाती है `गायब`
Luni River Rajasthan: हमारे देश में एक नदी ऐसी भी है, जो निकलती तो पहाड़ों से ही है लेकिन किसी समुद्र (Sea) में नहीं मिलती. मतलब ये कि इसका संगम किसी भी समुद्र के साथ नहीं होता.
Luni River Rajasthan: देशभर में सैकड़ों नदियां हैं. इन नदियों की कोई न कोई खास बात है. लेकिन आम तौर पर सारी नदियां समुद्र तक पहुंचती हैं. कुछ नदियां सीधे समुद्र तक जाती हैं, तो वहीं कुछ सहायक नदियों के साथ मिलकर समुद्र तक पहुंचती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अपने देश में एक ऐसी भी नदी है, जो निकलती तो पहाड़ों से है, लेकिन कभी किसी समुद्र (Sea) में नहीं मिलती. यानी इसका संगम किसी भी समुद्र के साथ नहीं होता.
अजमेर जिले में निकलती है नदी
हम राजस्थान की लूनी नदी की बात कर रहे हैं. ये नदी अजमेर जिले में 772 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नाग की पहाड़ियों से निकलती है. इसके बाद ये नदी दक्षिण-पश्चिम राजस्थान नागौर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालौर जिलों से होकर बहती हुई गुजरात के कच्छ जिले तक जाती है. इसके बाद कच्छ के रण में ये नदी विलुप्त हो जाती है.
कई नामों से जानते हैं लोग
इस नदी को लोग कई नामों से जानते हैं. राजस्थान के कुछ इलाकों में इसे लूनी नदी कहा जाता है, वहीं जालोर जिले इसे नेड़ा या रेल कहते हैं. महाकवि कालीदास ने लूनी नदी को अन्तः सलिला नदी कहा था. इसके साथ ही पुष्कर घाटी में इसे साक्री नदी के नाम से जाना जाता है.
सिंचाई का है प्रमुख स्त्रोत
ये नदी 495 किलोमीटर लंबी है. राजस्थान में इस नदी की कुल लंबाई 330 किलोमीटर है, जबकि इसका बाकी हिस्सा गुजरात में बहता है. जोवाई, सुकरी और जोजारी इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं. राजस्थान में ये नदी सिंचाई का प्रमुख स्त्रोत है.
ये है नदी की अनोखी बात
इस नदी की एक और अनोखी बात है. इस नदी का पानी आधा मीठा और आधा खारा है. यानी अजमेर से लेकर बाड़मेर तक तो इस नदी का पानी मीठा है, जबकि इसके आगे निकलते ही इसका पानी खारा हो जाता है. दरअसल, ये नदी राजस्थान के रेगिस्तान से होकर गुजरती है. इस वजह से रेत में मौजूद नमक के कण इसमें मिल जाते हैं. इस वजह से इसका पानी खारा हो जाता है.
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