नई दिल्लीः लक्जमबर्ग (Luxembourg) की फर्म बी मेडिकल सिस्टम भारत सरकार के लिए पोर्टेबल और नॉन-पोर्टेबल कोविड वैक्सीन रेफ्रिजरेटर का निर्माण करेगी, जिसका प्लांट भारत में स्थापित किया जाएगा. यह प्लांट गुजरात में मार्च के मध्य तक शुरू हो जाएगा. मालूम हो कि यह प्लांट पीएम नरेंद्र मोदी और लक्जमबर्ग पीएम जेवियर बेटल (Xavier Bettel) के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन (virtual summit) में हुई बातचीत के बाद का रिजल्ट है. इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा था कि दोनों देशों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान बढ़ाने की बहुत क्षमता है.


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भारत दौरे पर हैं लक्जमबर्ग की फर्म के CEO
बी मेडिकल सिस्टम के सीईओ ल्यूक प्रोवोस्ट और डिप्टी सीईओ जेसल दोशी (Jesal Doshi) इन दिनों एक हफ्ते की भारत यात्रा पर हैं. इस विजिट में मुंबई, पुणे और अहमदाबाद का दौरा करेंगे. जानकारी मिली है कि प्लांट की सभी औपचारिकताएं इस हफ्ते पूरी होने की उम्मीद है. 


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कंपनी के CEO ल्यूक प्रोवोस्ट ने कहा कि उनकी कंपनी 'लक्जमबर्ग से भारत में ट्रांसफर टेक्नोलॉजी के जरिए क्वालिटी प्रोडक्ट्स का उत्पादन करेगी. कंपनी के डिप्टी सीईओ जेसल ने बताया, भारत वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सफलता को दोहरा सकता है.' इस मामले को लेकर प्रोवोस्ट और दोशी ने बातचीत की. आइए डालते हैं सवाल- जवाब पर एक नजर. 


आप किस जनादेश को ध्यान में रखकर भारत में प्लांट की स्थापना कर रहे हैं?


Luc Provost: हम टीकाकरण परियोजना (vaccination project) के तहत क्वालिटी प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन करने के मकसद को लेकर लक्जमबर्ग से भारत में ट्रांसफर टेक्नोलॉजी के जरिए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित कर रहे हैं. 


आपको भारत के तमाम शहरों का दौरा करना पड़ेगा. इस बारे में डिटेल दे सकते हैं?


Jesal Doshi: यह नवंबर था जब दो देशों के पीएम की मुलाकात हुई और हम सभी भारतीय पीएम के विजन से काफी प्रभावित हुए. पीएम मोदी ने हमें दिखाया कि किस स्पीड से भारत सरकार ने अपने कार्य पर अमल किया. हम उनके कार्य को देखकर काफी प्रभावित हुए हैं और शिखर सम्मेलन के 2 हफ्ते बाद कोरोना काल में हम दिल्ली में हैं. यह अपने आप में एक अविश्वसनीय उपलब्धि है. पूरे सप्ताह में तमाम मीटिंग्स होनी हैं. हम दिल्ली में होंगे, हम हैदराबाद में होंगे, हम पुणे, मुंबई, अहमदाबाद में तमाम स्टेकहोल्डर्स और वैक्सीन निर्माताओं से भी मिलेंगे. 


आपके प्रोडक्ट्स और मौजूदा प्रोडक्ट्स में क्या अंतर है?


ल्यूक प्रोवोस्ट: दरअसल, बी मेडिकल (B Medical) 4 दशकों से इस व्यवसाय में है और बाजार का नेतृत्व कर रही है और हमने अपने प्रोडक्ट्स को उच्च गुणवत्ता प्रदान करने के लिए हाई इंटेलीजेंस का प्रयोग कर मदद की है. इसके प्रोडक्ट्स आपको दुनिया भर के मार्केट में मिलेंगे. हमारे पास 0.3% से नीचे के फेलियर रेट वाले प्रोड्क्टस हैं और हम अपने उत्पादों पर 10 साल की वारंटी देते हैं क्योंकि वे काफी स्ट्रांग और अच्छी तरह से डिजाइन किए गए हैं. हम लक्समबर्ग में उत्पादन करेंगे और हम भारत में प्रोडक्ट्स लाने के लिए जाने जाएंगे. 


आत्मनिर्भर भारत प्रोजेक्ट के बीच भारत सरकार आपकी कंपनी को यहां प्लांट स्थापित करने में कैसे मदद करेगी?


जेसल दोशी: भारत आज भी दुनिया की 60%  वैक्सीन मैन्‍युफैक्चर करता है.  सच कहूं तो मुझे कोई कारण नहीं मिला कि वे क्यों वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सफलता को नहीं दोहरा सकते. हां लेकिन, यदि आप टीका का ट्रांसपोर्टेशन गलत तरीके से करते हैं तो इससे कहीं न कहीं डोज की पॉवर पर असर पड़ता है. वह कम प्रभावी हो सकती है लिहाजा मुझे लगता है कि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के चलते देश में कई लोगों को रोजगार मिलने की बड़ी संभावनाएं हैं. मैं खुद भी इस हिस्से में भारतीय होने के नाते काफी एक्साइटेड हूं.


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