भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राहुल गांधी से चल रही जुबानी जंग के बावजूद प्रियंका गांधी और सचिन पायलट को ग्वालियर चंबल में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया है. जिसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से रिक्वेस्ट भेज दी गई है. अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी और सचिन पायलट इस पर क्या डिसीजन लेते है. 


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पीतांबरा पीठ के दर्शन करेंगे


प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए प्रियंका गांधी और राजस्थान के युवा नेता सचिन पायलट मुरैना से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेंगे और उनका रोड शो ग्वालियर होते हुए दतिया पहुंचेगा. इस दौरान ग्वालियर चंबल की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव प्रचार किया जाएगा और दतिया में विश्व प्रसिद्ध श्री पीतांबरा पीठ के दर्शन किए जाएंगे. इसके बीच में दो या तीन चुनावी सभाएं भी आयोजित की जाएगी. 


6 सीटों पर रोड शो की तैयारी
प्रियंका गांधी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो भी करेंगी. साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात का भी उनका कार्यक्रम रखा है. प्रियंका की छह सीटों पर रोड शो करने की खबर है.  इस रोड शो की तैयारी भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से कर ली गई है.


गुर्जर वोटों को साधने की कोशिश
ग्वालियर-चंबल ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है. जहां सचिन पायलट उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी ग्वालियर-चंबल की विधानसभा सीटों पर  पायलट वोटों पर सेंध मारते नजर आएंगे. यहां वो सीटें हैं जहां पर गुर्जर वोट बहुल है जो सचिन कांग्रेस के पक्ष में ला सकते है. बता दें कि नवंबर 2015 में, कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ में रतलाम लोकसभा चुनाव जीता था, जहां पायलट ने बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. जिसके बाद कांतिलाल भूरिया ने जीत के बाद सचिन पायलट को एक धन्यवाद नोट भी भेजा था.


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राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच क्या चल रहा है ?    


बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले यह बात कई बार कही गई कि कमलनाथ, राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की दलित महिला प्रत्याशी श्रीमती इमरती देवी को "क्या आइटम है" कहने के बाद कमलनाथ विरोधियों के सीधे निशाने पर आ गए. इस दौरान राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान की निंदा ही नहीं कि बल्कि इसे दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया. बिना समय गवाएं कमलनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कह दिया कि राहुल गांधी के यह व्यक्तिगत विचार हैं.  इस तरह कमलनाथ ने राहुल गांधी के नेतृत्व को भी सार्वजनिक रूप से नकार दिया है. 


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