आगर-मालवाः कहते है कि अगर कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश हो तो आप बड़ा से बड़ा काम कर सकते हो. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आगर-मालवा जिले के एक युवा छात्र ने. जिसने महज 16 साल में एक ऐसी डिवाइस बनाई है. जिससे कार चोरी नहीं हो सकेंगी. इस डिवाइस की खासियत यह है कि कोई भी अंजान व्यक्ति कार को स्टार्ट नहीं कर नहीं कर पाएगा. इस डिवाइस पर जिसका फिंगर सेव होगा वही कार को स्टार्ट कर पाएगा. 


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मोबाइल चलाते हुए आया डिवाइस बनाने का ख्याल 
आगर में रहने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र विनय जायसवाल ने यह अनोखी डिवाइस बनाई है. विनय ने बताया हम सभी एंड्राइड फोन चलाते है. जिसका लॉक फिंगरप्रिंट से खुलता है. लिहाजा उसके दिमाग में आया कि अगर फिंगरप्रिंट से स्मार्ट फोन लॉक हो सकता है तो वाहनों को भी फिंगरप्रिंट से लॉक किया जा सकता है. 


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3000 रुपए में बनाई डिवाइस 
फिंगरप्रिंट को ध्यान में रखकर विनय जायसवाल ने महज 3000 रुपए खर्च करके यह डिवाइस तैयार की. जिसका पहला प्रयोग उसने बाइक पर किया. बाइक पर विनय की यह डिवाइस सक्सेस रही. जिसके बाद उसने डिवाइस अपने पिता अरुण जायसवाल की कार में लगाई. इस डिवाइस की खासियत यह है कार स्टार्ट करने के लिए चाबी लगने के साथ ही डिवाइस पर फिंगर रखनी होती है, जहां फिंगर मैच होने के बाद ही कार स्टार्ट होती है. अगर फिंगर मैच नहीं हुआ तो चॉबी लगाने के बावजूद भी कार स्टार्ट नहीं होगी. 


वाहन चोरी रोकने के लिए बनाई डिवाइस 
विनय जायसवाल ने बताया कि क्षेत्र में लगातार वाहन चोरी की घटनाओं को सुनकर उन्होंने सोचा कि इसे सोचते थे कि आखिर इन चोरियों को कैसे रोका जाए. फिर खाली समय मे बैठकर इंटरनेट की मदद से अलग-अलग चीजो को जोड़कर करीब एक महीने में यह डिवाइस बनाई. विनय ने बताया कि अमूमन इस तरह की फिंगर प्रिंट की डिवाइस में काफी खर्च आता है और यह केवल महंगी गाड़ियों में लगाई जाती हैं. लेकिन, मैंने इसे काफी कम खर्च में बनाया है ताकि यह आम लोगों के लिए भी आसानी से मिल सके. विनय इस डिवाइस को ओर मोडिफाइड कर इसमे जीपीएस भी लगाने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि अगर कोई तार से स्पार्क करके कार स्टार्ट करने की कोशिश करेगा तो इस बात का मैसेज कार के मालिक तक पहुंच जाए, ताकि कार मालिक को यह पता चल जाए कि उसकी कार किसी ने स्टार्ट की है.  इसके साथ ही इस डिवाइस को कार के गेट में लगाने की भी विनय की योजना है जिससे कोई भी अपरिचित व्यक्ति कार को खोल भी न सके. 


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विनय के पिता अरुण जिले की एक ग्राम पंचायत में सचिव के पद पर कार्यरत है, वे हमेशा अपने बेटे को प्रोत्साहित करते रहते है. इस डिवाइस बनाने के पहले कोरोना काल मे विनय ने सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन, ऑटोमेटिक सेनिटाइज मशीन व ऑटोमेटिक डस्टबिन भी बनाया था. जो लोगों के काफी काम आए थे. विनय के इस डिवाइस की जमकर साराहना हो रही है. 


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