भोपाल: मध्य प्रदेश में कुदरत के कहर ने कोहराम मचा दिया. भारी बारिश और बाढ़ की वजह से लाखों घर तबाह हो गए. प्रदेश के 12 जिलों के 454 गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य के लिए सरकार सेना और एनडीआरएफ की मदद ले रही है. वहीं इस बीच बाढ़ को लेकर सियासी बवाल भी मचा हुआ है, कृषि मंत्री कमल पटेल ने इशारों-इशारों में कांग्रेस को अपने निशाने पर लिया है. 


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केवल इंदिरा आवास में बने घर डूबे- कृषि मंत्री
रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश में आई बाढ़ में केवल वही मकान बहे हैं, जो इंदिरा आवास योजना के तहत बनाए गए थे. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए पक्के मकान बच गए हैं. सिर्फ उन मकानों में रखा सामान खराब हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अच्छे मकानों का निर्माण किया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के तहत बनने वाले मकान अब डूब प्रभावित क्षेत्रों में नहीं बनेंगे. ऐसे स्थानों पर बनेंगे, जंहा बाढ़ का पानी नहीं पहुंचेगा.


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'शिवराज सरकार किसान और गरीबों के साथ खड़ी' 
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि लगातार बारिश अतिवृष्टि और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी, गरीबों के घर मे पानी भर गया. शिवराज सिंह चौहान की सरकार किसान और गरीबों के साथ खड़ी है. हमने  होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर समेत अति वृष्टि प्रभावित जिलों में फसल बीमा की तारीख बढ़ाई. देश के इतिहास मे पहली बार किसी राज्य ने मरी हुई फसल का बीमा करवाया है. किसान की क्षति राष्ट्र की क्षति है.


'कमलनाथ जी सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री थे'
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के दुख पर कमल नाथ जी घड़ियाली आंसू बहाते हैं. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र दिए हैं. अब भी अन्नदाता कर्ज माफी की आस में घूमते हैं. प्रीमियम कम देना पड़े इसलिए पूर्व की कमलनाथ सरकार ने फसल बीमा 75%कर दिया. कमलनाथ जी सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री थे, लेकिन  शिवराज जी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.


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