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राम पाराशर/हरदा: मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ ने लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है. नर्मदा में बाढ़ आने के बाद डूब में आए कई गांव बर्बादी की कगार पर आ चुके हैं. इन हालातों का जायजा लेने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल गुरुवार को हरदा पहुंचे. स्थिति को देखकर वो भी हैरान रह गए, उन्होंने कहा कि बीते 40 सालों में बाढ़ का ऐसा रूप और उसके बाद इस तरह की तबाही कभी नहीं देखी, लेकिन संकट की इस घड़ी में सरकार इन गरीबों के साथ है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने हरदा में बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनी और उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्द ही वन भूमि को आबादी में परिवर्तित कर उन्हें किनारे से ऊंचाई पर बसाया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके पक्के मकान भी बना कर दिए जाएंगे. साथ ही तत्काल सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी.
वहीं बाढ़ पीड़ितों ने दर्दभरी दास्तां बताते हुए कहा कि नर्मदा की बाढ़ में डूब में आए कई गांव के हालात बहुत ही भयावह हैं. नर्मदा किनारे बसे लोगों का आशियाना पूरी तरह उजड़ चुका है. मकान की छत के नाम पर फिर खुला आसमान है बाढ़ कितनी अधिक मात्रा में आई थी इसका अंदाजा उनके हालातों को देखकर लगाया जा सकता है.
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बाढ़ पीड़ितों ने सरकार से मदद की उम्मीद जताते हुए कहा कि खुले आसमान के नीचे रह रहे सैकड़ों परिवार सरकार की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं क्योंकि उनके पास सामान के नाम पर भी कुछ नहीं बचा है. पीड़ितों ने बताया कि जैसे तैसे उन्होंने अपने आप को और बच्चों को बचाया है. बाढ़ के पानी ने उनकी गृहस्थी को उजाड़ दिया.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश भारी के चलते नर्मदा सहित कई नदियां उफान पर हैं. इसके होशंगाबाद और रायसेन जिले के हालत सबसे ज्यादा खराब है. बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों का रेस्क्यू किया जा सके, इसके लिए सेना की भी मदद ली जा रही है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान होशंगाबाद और नसरुल्लागंज क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों के निरीक्षण के लिए रवाना हो गए हैं. राज्य में यह 1999 के बाद पहला मौका है, जब इतने लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य के 40 जिलों में 12 सौ लोगों के फंसे होने की खबर है.
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