Gopal Bhargava: BJP के सरप्राइज फेस हो सकते हैं गोपाल भार्गव, जानिए क्यों CM की रेस में चल रहा नाम
MP Chunav Result: गोपाल भार्गव चुनाव के पहले से खुद को सीएम पद का दावेदार बताते रहे हैं, इस बार भी वह इस रेस में दावेदार भी बने हुए हैं और पार्टी उन पर दांव खेल सकती है.
MP Chunav Result: 'मुख्यमंत्री कौन होगा यह हाईकमान तय करेगा. मुख्यमंत्री बनने की इच्छा सबकी होती है.' ये वो बयान है जो बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव ने चुनाव के पहले और चुनाव प्रचार के दौरान दिए थे. उन्होंने खुद को चुनावों से पहले ही इस बार सीएम पद का दावेदार बता दिया था. अब जब नतीजों में बीजेपी को बंपर बहुमत मिली है तो उनके नाम की चर्चा भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में चल रही है. क्योंकि गोपाल भार्गव के पक्ष में कई बातें जाती दिख रही है, तो कुछ बातें उनके पक्ष में नहीं भी हैं.
रिकॉर्ड 9वीं बार जीता चुनाव
गोपाल भार्गव 15वीं के बाद 16वीं विधानसभा में भी बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक होंगे. उन्होंने सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से रिकॉर्ड लगातार 9वीं बार चुनाव जीता है, ऐसे में यह उनका सबसे मजबूत पक्ष माना जा रहा है. भार्गव बीजेपी के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जिनका विवादों से नाता नहीं रहता है. इस चुनाव में उन्होंने 78 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी हमेशा सरप्राइज करती है, ऐसे में गोपाल भार्गव वो सरप्राइज हो सकते हैं.
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गोपाल भार्गव के मजबूत पक्ष
गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश में BJP के सबसे सीनियर विधायक, लगातार 9वीं बार विधानसभा चुनाव जीते.
2003 के बाद से ही मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
गोपाल भार्गव 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे.
बुंदेलखंड अंचल से बीजेपी के सबसे बड़े नेता.
ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, ऐसे में इस वर्ग को साधने के लिए बीजेपी दांव लगा सकती है.
पीएम मोदी की गुड लिस्ट में भी माने जाते हैं भार्गव, विकासकार्यों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं.
1985 से आज तक एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे, सबसे अनुभवी विधायक
गोपाल भार्गव के कमजोर पक्ष
ओबीसी राजनीति के आधार पर जातिगत समीकरणों में फिठ होना मुश्किल (राजनीतिक जानकारों के मुताबिक).
ब्राह्मण वर्ग से आने वाले वीडी शर्मा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, एक ही वर्ग के दो नेताओं को बड़े पद देना मुश्किल.
कौन हैं गोपाल भार्गव
सागर जिले से आने वाले गोपाल भार्गव छात्र राजनीति के जरिए बीजेपी से जुड़े थे. वह 1980 में पहली बार गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे. इसके बाद 1985 में पहली बार विधायक चुने गए और उसके बाद कभी चुनाव नहीं हारे. 2003 में उन्हें उमा भारती के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. इसके बाद से वह रिकॉर्ड मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मंत्री रहने वाले विधायक भी है. गोपाल भार्गव उमा भारती, बाबूलाल गौर और सीएम शिवराज के कार्यकाल में लगातार अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. जबकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान वह नेता प्रतिपक्ष थे.
चुनाव जीतने के बाद से ही गोपाल भार्गव के समर्थक भी उत्साह में नजर आ रहे हैं. उनके समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी है. बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई दिग्गज नेता चुनाव जीते हैं, ऐसे में प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा अटकलें चल रही हैं.
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