Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की वोटिंग 17 नवंबर को समाप्त हो गई है. 3 दिसंबर को सभी 230 विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे. वोटिंग से पहले भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में आरोप और प्रत्यारोप का लंबा दौर चला. इस दौरान दोनों दलों के नेताओं ने एक दूसरे पर कई आरोप लगाए. सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई ऐसी की टिप्पणी अब कोर्ट तक पहुंच गईं. 


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दरअसल, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट में सोमवार को पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में माना गया है कि कांग्रेस नेता के खिलाफ देशद्रोही जैसी टिप्पणी की गई है, जो अभी भी ट्विटर पर मौजूद है. अब न्यायालय ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता को अपने बयान दर्ज करने के लिए 4 दिसंबर को तलब किया है. 


कब का है मामला?
गौरतलब है कि 26 अप्रैल 2023 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ 'देशद्रोही' शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे ट्विटर पर कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने फॉरवर्ड किया. वहीं ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी कि उनका जन्म पाकिस्तान में होना चाहिए था. इसे लेकर कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ता नितिन शर्मा ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी.  याचिका में सिंधिया समेत प्रदेश की दो अन्य मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनके खिलाफ चालान की कार्रवाई करने की मांग की गई थी. यह मामला बाद में एमपी एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित हो गया, जहां एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश महेंद्र सैनी की अदालत में अब यह प्रकरण चल रहा है. 


अब तक नहीं हटाई गई पोस्ट
पूर्व में इंदरगंज के थाना प्रभारी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट पेश की गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने इसे अमान्य करते हुए कहा था कि केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को अपनी जांच रिपोर्ट पेश करनी चाहिए. इसके बाद पुलिस अधीक्षक की ओर से न्यायालय में सोमवार को यह रिपोर्ट पेश की गई है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने कहा है कि पुलिस की रिपोर्ट में यह माना गया है कि उक्त आपत्तिजनक टिप्पणी को ट्विटर हैंडल से अब तक नहीं हटाया गया है.


रिपोर्ट: प्रियांशु यादव, ग्वालियर