MP Political News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं. इसमें बीजेपी ने 163 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल की है. वहीं कांग्रेस 66 सीटें जीतने में कामयब हुई है. वहीं एक सीट अन्य के खाते में गई है. रिजल्ट के बाद से ही कभी सीधे तौर पर तो कभी इशारों-इशारों में EVM पर निशाना जारी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने पोस्टल बैलेट के आंकड़ों (Politics Over EVM Postal Ballot) पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने संख्या जारी करते हुए वोटिंग पैटर्न के बदलाव पर आशंका जताई है.


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वोटिंग पैटर्न इतना बदलाव कैसे
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा- वोटिंग पैटर्न कैसे बदल गया. जब तंत्र जीतता है जनता हार जाती है. उन्होंने चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के पोस्टल वोट रिजल्ट की सूची जारी करते हुए कहा- अब कुल 230 सीटों के आंकड़े आपके पास हैं. पोस्टल बैलेट के जरिए कांग्रेस और बीजेपी को पड़े वोटों की संख्या विश्लेषण के लिए प्रस्तुत हैं. सोचने की बात यह है कि जब जनता वही है तो वोटिंग पैटर्न इतना कैसे बदल गया.


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जताया आभार
दिग्विजय सिंह ने पोस्टल वोटरों पर आभार जताते हुए कहा कि कांग्रेस को वोट देनेवाले और हम पर भरोसा जताने वाले सभी मतदाताओं का धन्यवाद. तस्वीरों के आंकड़ों में एक प्रमाण है जो यह बताता है कि पोस्टल बैलेट के जरिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है. जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. 


तंत्र जीतता है तो जनता हार जाती है
EVM पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा की यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है. हमें गर्व है कि हमारे ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने जी जान से कांग्रेस के लिए काम किया और लोकतंत्र के प्रति अपने विश्वास को पुख़्ता किया.


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गेविंद सिंह ने उठाए EVM पर सवाल
मध्यप्रदेश में करारी हार के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने EVM पर सवाल उठाया है. गोविंद सिंह ने कहा भाजपा खुशियां मना रही है. पश्चिमी देशों में इस पद्धति पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. फिर भारत में क्यों EVM से वोटिंग करवाई जा रही है. मैं अपनी हार स्वीकार करता हूं. मुझे पहले से ही आभास हो गया था की हारने वाला हूं. जिला प्रशासन कलेक्टर बीजेपी के एजेंट बन कर काम कर रहे थे.