MP Chunav Result: मध्य प्रदेश में इस बार डॉक मतपत्रों की वोटों में कई लापरवाहियां सामने आई हैं. रीवा जिले में 1300 से ज्यादा पुलिसकर्मी वोट नहीं डाल पाए थे. तो अब प्रदेश के एक और जिले से ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां 123 पुलिसकर्मियों के वोट निरस्त हो गए हैं. जिसे निर्वाचन आयोग ने एक बड़ी चूक माना है. 


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खंडवा में 123 वोट निरस्त 


दरअसल, खंडवा जिले में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले में 123 पुलिसकर्मियों के वोट निरस्त हो गए हैं. यह वोट आमान्य होने के बाद चुनाव आयोग ने मामले में जिले के कलेक्टर और एसपी के खिलाफ नाराजगी जताई है. दरअसल, वोटिंग तारीख के तीन दिन बाद 20 नवंबर को खंडवा में 123 पोस्टल बैलेट से वोट डाले गए थे, जिसे निर्वाचन आयोग ने निरस्त माना है. 
 
इस वजह से हुए निरस्त 


बताया जा रहा है कि 20 नवंबर को 123 पुलिसकर्मियों ने वोटिंग की थी. लेकिन  चुनाव की वोटिंग के लिए तैनात किए गए नोडल अधिकारी ने खंडवा जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना बताए ही डाक मतपत्र डलवा दिए. ऐसे में यह पूरे वोट निरस्त माने गए हैं, क्योंकि यह उन पुलिसकर्मियों के वोट थे जो खंडवा जिले से दूसरे जिलों में ड्यूडी करने के लिए गए थे. मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है. हालांकि अब तक आयोग की तरफ से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है. फिलहाल मामले में डायरेक्शन का इंतजार किया जा रहा है. 


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वहीं इस मामले में सियासत भी हो रही है. कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि पुलिसकर्मियों को ना ही पोस्टल वोट उपलब्ध कराए गए और ना ही उन्हें मतदान करने का अवसर दिया गया है, बाद में जो मतदान हुआ उसमें गड़बड़ी पाई गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग मामले में जल्द ही एक्शन ले सकता है. 


बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश के कई जिलों से डॉक मतपत्र के जरिए हुई वोटिंग में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं. रीवा जिले में 1359 पुलिसकर्मी वोटिंग से वंचित रह गए थे. जबकि अब खंडवा में 123 पुलिसकर्मियों के वोट निरस्त होना बड़ी लापरवाही मानी जा रही है. 


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