MP Chunav: जिसे हराने के लिए मैदान में उतरे, उसे ही दिया जीत आशीर्वाद, चुनाव की सबसे सुंदर तस्वीर
Vidhan Sabha Chunav 2023: सियासत में नेताओं को एक दूसरे को गालियां देते... प्रतिद्वंदी पर आरोप लगाते... और विपक्षी नेता से नजर चुराने की तस्वीरें तो आपने कई बार देखी होंगी, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच एक ऐसी तस्वीर साने आई है, जिसे देखकर हर कोई यह कर रह है ऐसी राजनीति देखने को कम ही मिलती है.
MP Assembly Election 2023: सियासत में नेताओं को एक दूसरे को गालियां देते... प्रतिद्वंदी पर आरोप लगाते... और विपक्षी नेता से नजर चुराने की तस्वीरें तो आपने कई बार देखी होंगी, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच एक ऐसी तस्वीर साने आई है, जिसे देखकर हर कोई यह कर रह है ऐसी राजनीति देखने को कम ही मिलती है. दरअसल, मुरैना जिले में जनसंपर्क के दौरान आमना-सामना होने पर भाजपा छोड़कर बसपा में आए पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के कांग्रेस प्रत्याशी ने पैर छुए. बात सिर्फ पैर छूने तक नहीं रुकी रुस्तम सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को जीत का आशीर्वाद भी दिया.
रुस्तम सिंह ने आशीर्वाद देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गुर्जर से कहा, 'तुम्हारे पिता हमारे अच्छे मित्र रहे हैं... तुमसे कोई बैर नहीं... हमको सिर्फ बीजेपी और बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह कंसाना को सबक सिखाना है... बीजेपी ने हमको कुछ समझ ही नहीं... अब देखना है हम क्या है...' रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह मुरैना विधानसभा से भाजपा छोड़कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. रुस्तम सिंह अपने बेटे के सामने चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गुर्जर को जीत का आशीर्वाद दिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं रुस्तम सिंह
मध्य प्रदेश में रिटायर्ड आईपीएस और पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह पुराने भाजपा नेता हैं. वे भाजपा सरकार में खेल ,स्वास्थ्य, खाद्य, पंचायत व ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे थे. बीजेपी ने वर्ष 2003 से 2018 तक चार बार दिया था मुरैना विधानसभा से टिकट. वर्ष 2003 और वर्ष 2013 में चुनाव जीते थे. वर्ष 2008 और वर्ष 2018 का चुनाव हार गए थे. रुस्तम सिंह भाजपा से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे. टिकट वितरण से नाराज थे रुस्तम सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दिया.
रुस्तम सिंह के बेटे बसपा से मैदान में
रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बीएसपी से चुनाव लड़ रहे हैं. विधानसभा का टिकट न मिलने से रुस्तम सिंह व उनके पुत्र राकेश नाराज थे. दो दिन पहले पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के पुत्र राकेश बसपा में शामिल हुए. राकेश रुस्तम सिंह बसपा की ओर से मुरैना विधानसभा से चुनावी मैदान में उतर गए हैं. बीजेपी कोई कार्रवाई करती इससे पूर्व ही रूस्तम सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं दायित्व से त्यागपत्र दे दिया है.