नीमच/प्रितेश शारदाः देश के ग्रामीण इलाकों में कई जगह अभी भी लोग कोरोना वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. दरअसल ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैली हुई हैं, जिसके चलते लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर तरह तरह की गलतफहमियां हैं. ऐसे हालात में एक सिविल जज ने बहुत ही सराहनीय पहल की है. दरअसल इन सिविल जज ने एक आदिवासी गांव पहुंचकर लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के प्रति जागरुक किया और इतना ही नहीं खुद भी गांव के लोगों के साथ ही वैक्सीन लगवाई. इस पहल का असर हुआ है कि लोग अब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गए हैं.


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क्या है मामला
घटना मध्य प्रदेश के नीमच जिले के चेनपुरा डैम गांव की है. इस गांव में अफवाहों के चलते वैक्सीनेशन अभियान शुरू नहीं हो पाया था क्योंकि यहां के लोग इसके लिए तैयार ही नहीं थे. यह गांव आदिवासी समुदाय का है और यहां की आबादी लगभग 900 लोगों की है. हाल ही में इस गांव के निवासी नारायण का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह लोगों से वैक्सीन लेने के लिए मना कर रहे थे. जब इस बात की जानकारी नीमच सिविल जज सुषमा त्रिपाठी को मिली तो वह चेनपुरा डैम गांव पहुंच गईं. इसके बाद जज सुषमा त्रिपाठी और उनके पति महेश त्रिपाठी ने लोगों को वैक्सीन लेने के लिए समझाया और अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी. 


इसके बाद दंपति ने गांव के लोगों के सामने ही वैक्सीन लगवाई ताकि लोगों के मन से डर निकले. इतना ही नहीं महिला जज ने वीडियो वायरल करने वाले गांव के निवासी नारायण को भी अपने सामने वैक्सीन लगवाई. इस पूरी कवायद का मकसद लोगों को जागरुक करना और लोगों का वैक्सीन में भरोसा बनाना था. जज सुषमा त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि यह काफी पिछड़ा आदिवासी गांव है. यहां के लोगों को वैक्सीन लगवाने से मौत हो जाने का डर है. इस कारण पूरे गांव में कोई भी व्यक्ति टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं था. अब लोगों को समझाया गया है और मैंने खुद टीका लगवाया है तो अब लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही हैं और लोग वैक्सीनेशन के लिए तैयार हो रहे हैं.