विमलेश मिश्र/मंडला: कोरोना महामारी के इस दौर में विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस से ज्यादा गलत जानकारी और डर की वजह से लोगों की जान को खतरा है. मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में आज भी कई लोग डॉक्टरों की बजाय झोलाछाप चिकित्सकों पर भरोसा कर उनसे इलाज करवाते हैं. इसी को देखते हुए बीजेपी नेता ने इन्हें सहायक चिकित्सक का दर्जा देने की मांग कर दी. उनकी इस मांग में केंद्रीय मंत्री ने भी समर्थन किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चिकित्सा सहायक के नाम से पुकारा जाए
मंडला जिले में पिछले कुछ दिनों से झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई हो रही है, जिसे पूर्व बीजेपी नगर अध्यक्ष जय दत्त झा ने गलत ठहराया. उन्होंने मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्यों को पत्र लिखकर कहा कि ऐसे डॉक्टरों को चिकित्सा सहायक कहा जाए. प्रशासन ध्यान रखे कि इन्हें नोटिस देने की बजाय इन्हें ट्रेनिंग देकर इनसे चिकित्सकीय सेवाएं ली जाएं. बीजेपी नेता ने इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देने की भी मांग की.


यह भी पढ़ेंः- सतना के बहुचर्चित रेप केस पीड़िता की रहस्यमयी मौत, परिवार ने गुपचुप तरीके से किया अंतिम संस्कार


नेता ने की प्रशिक्षण की मांग
बीजेपी नेता का कहना है कि महामारी में चिकित्सकों की कमी है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग डॉक्टरों से इलाज कराने से डर रहे हैं. वे लोग इन चिकित्सकों से इलाज कराने में ही ज्यादा भरोसा रखते हैं. लेकिन प्रशासन इन्हें नोटिस भेजकर इनकी डिस्पेंसरी बंद करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें प्रशिक्षण दिया जाए तो ये और भी बेहतर तरीके से उपचार करेंगे और शासन-प्रशासन की मदद कर सकते हैं.


केंद्रीय मंत्री उतरे समर्थन में
बीजेपी अध्यक्ष की इस मांग में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी अपना समर्थन दिया. वह बोले कि झोलाछाप डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाए तो ये बेहतर काम कर सकते हैं. ये डॉक्टर अपने इलाकों में लंबे समय से काम कर रहे हैं, इनकी इलाकों में पकड़ है. सभी झोलाछाप डॉक्टर बुरे नहीं हैं, इनमें कुछ अच्छे भी हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मांग की कि जो लोग प्रैक्टिस कर रहे हैं और अच्छे हैं, उनके सर्टिफिकेट चेक कर लें और उनसे मदद ली जाए.


यह भी पढ़ेंः- क्या वैक्सीन भी न लगवाएं! टीका लगवाने वालों को पुलिस ने रोका, वैक्सीन स्लॉट दिखाने के बावजूद काटा चालान


झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद
बीजेपी नेता की मांग व केंद्रीय मंत्री के समर्थन के बाद झोलाछाप डॉक्टरों के हौसला भी बुलंद हो गए. अब वे भी कोरोना वॉरियर का दर्जा प्राप्त करने की मांग करने लगे. शहर के ऐसे ही एक झोलाछाप डॉक्टर कृष्णकुमार का कहना है कि वे जिला अस्पताल के डॉक्टरों से भी बेहतर तरीके से इलाज कर सकते हैं.


सीएमएचओ ने इसे पूरी तरह गलत बताया
पूरे मामले पर मंडला CMHO (Chief Medical And Health Officer, Mandla) श्रीनाथ सिंह ने कहा कि इन डॉक्टरों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देना गलत है. दर्जा देने से पहले प्रशासन को नीतियों का निर्धारण करना बहुत जरूरी है, उन्होंने कहा कि इस विषय पर डिस्कसन और गहन विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाना चाहिए.


यह भी पढ़ेंः- Lockdown की शादी में जाना पड़ा महंगा! 200 लोग आए थे दावत उड़ाने, मेंढक बनकर दौड़ते नजर आए


WATCH LIVE TV