Lockdown की शादी में जाना पड़ा महंगा! 200 लोग आए थे दावत उड़ाने, मेंढक बनकर दौड़ते नजर आए
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Lockdown की शादी में जाना पड़ा महंगा! 200 लोग आए थे दावत उड़ाने, मेंढक बनकर दौड़ते नजर आए

SDM की टीम ने करीब 250 मेहमानों के लिए तैयार किए गए भोजन को भी फिकवा दिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदीप शर्मा/भिंडः कोरोना महामारी की दूसरी लहर में केस कम होने लगे, क्योंकि कर्फ्यू का सख्ती से पालन हो रहा है. वायरस की चेन तोड़ने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश में गाइडलाइन लागू है, शादी समारोह की भी अनुमति नहीं है. बावजूद उसके भिंड जिले के गांव में शादी होने लगी, जहां 200 से ज्यादा मेहमानों को बुलाया गया. इस बात की सूचना पुलिस को मिलते ही उन्होंने छापेमारी की और मौके पर इकट्ठा हुए मेहमानों को पकड़कर उन्हें मेंढक बना दिया.

जिले से 15 किलोमीटर दूर हो रही थी शादी
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर बसे ऊमरी कस्बे से मामला सामने आया, यहां सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के पीछे स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में बुधवार को एक शादी समारोह आयोजित हुआ. दूल्हे की लगुन फलदान उत्सव का आयोजन दोपहर में किया गया, इसमें कई रिश्तेदारों और जान-पहचान के लोगों को बुलाया गया.

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पुलिस को देख भाग खड़े हुए लोग
किसी ने कार्यकम की सूचना पुलिस को भी दे दी. जैसे ही DSP मोतीलाल कुशवाहा मौके पर पहुंचे, उन्होंने देखा वहां करीब 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे. डीएसपी की टीम को देख भोजन कर रहे ज्यादातर लोग कार्यक्रम स्थल से भाग खड़े हुए. कई लोग पुलिस की गिरफ्त में भी आ गए. मेहमानों के साथ ही दूल्हा पक्ष पर पुलिस ने कोरोना गाइडलाइन और धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया.

मेंढक बनाकर सड़क पर दौड़ाया
कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को पुलिस ने सजा के तौर पर मेंढक बनवाया और सड़क पर दौड़ाया. दूल्हे पर मामला दर्ज करने के साथ ही टेंट संचालक और हलवाई के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया. SDM की टीम ने करीब 250 मेहमानों के लिए तैयार किए गए भोजन को भी फिकवा दिया.

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छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ जांच में जुटी पुलिस
शादी कराने वालों पर मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने देखा कि कार्यक्रम सरकारी छात्रावास में चल रहा था. कोरोना कर्फ्यू के सारे नियम आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में तोड़े गए. इस पूरे मामले के बाद पुलिस छात्रावास अधीक्षक की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच में जुट गई. पुलिस पता लगा रही है कि सरकारी भवन में प्रतिबंधित कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति किसने दी.

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