एग्जाम, दलाल, 50 लाख और फर्जीवाड़ा, रूस से पढ़कर आया MBBS डॉक्टर ऐसे बना कातिल
Crime News: कटनी जिले में पदस्थ लोको पायलट की हत्या का राज शनिवार को सतना पुलिस ने खोल दिया है. लोको पायलट सतना जिले का निवासी है, जिसकी हत्या उसके मित्र ने ही की थी. दोस्त ने अपनी मेडिकल डिग्री पाने के लिए दलाल को लगने वाले पैसे की जरूरत को लेकर अपने ही दोस्त को कट्टे से मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
Madhya Pradesh News: सतना जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र चौरसिया के बचपन के मित्र धर्मेंद्र चौरसिया ने अपनी डॉक्टर की डिग्री के लिए अपने ही दोस्त को मौत के घाट उतार दिया. जितेंद्र और धर्मेंद्र दोनों बचपन के लंगोटिया यार थे. जितेंद्र ने पढ़ लिखकर रेलवे का एग्जाम पास किया और वह लोको पायलट बन गया, जितेंद्र कटनी जिले में लोको पायलट के पद पर पदस्थ था. धर्मेंद्र अपनी मेडिकल की पढ़ाई रसिया से पूरी किया था. अब उसे भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए परीक्षा पास करना था. इस परीक्षा को पास करने और अपनी डिग्री पाने के लिए दलाल ने करीब 50 लाख रुपए की मांग की.
इस जरूरत को पूरा करने के लिए धर्मेंद्र ने प्लान जितेंद्र को किडनैप करने का प्लान बनाया. धर्मेंद्र ने जितेंद्र का अपहरण कर लिया. फिरौती की साजिश सफल न होने पर उसे कट्टे से मारकर मौत के घाट उतार दिया. जितेंद्र की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जब जांच की तो तब यह सामने आया कि उसके बचपन के मित्र ने ही उसे पैसे की जरूरत को लेकर मौत के घाट उतार दिया. इस हत्या की साजिश में धर्मेंद्र चौरसिया और उसके दो साथी सहित उसका चचेरा भाई भी शामिल था. पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है तो वहीं अभी धर्मेंद्र का चचेरा भाई फरार है.
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इस तरह हुआ खुलासा
जितेंद्र के घरवालों ने पुलिस को बताया कि वह सतना में किराए के मकान मे रहता था. अपने दोस्त धर्मेन्द्र के साथ घूमने का कहकर निकला था. उसके बाद वह वापस नहीं आया. उसका मोबाईल फोन भी बंद है. मामले की जांच के दौरान यह जानकारी लगी कि गुमशुदा का मोबाईल 21 दिसंबर की रात रेल्वे स्टेशन कटनी में चालू था. पुलिस ने शक के आधार पर धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए कटनी में जितेंद्र का मोबाइल चालू किया था और बात की थी.
ऐसे की हत्या
योजना मुताबिक 21 दिसंबर धर्मेन्द्र सतना आया और अपने बचपन के जिगरी यार जितेन्द्र को फोन करके उसे घर से बाहर बुलाया. फिर धर्मेंद्र ने जितेंद्र को पहले शराब पिलाई. फिर शराब में नींद की दवा मिला दी. इसके बाद धर्मेंद्र उसे बोलेरो में लेकर चल दिया. दो साथी गुलाव व पवन भी साथ थे. सभी को लगा जितेंद्र बेहोश है और आपस में आगे की प्लानिंग करने लगे. लेकिन जितेंद्र ने उनकी बातें सुन लीं. इस बात पर धर्मेंद्र और जितेंद्र में झगड़ा हो गया. जितेंद्र वापस सतना जाने की जिद करने लगा. फिर धर्मेंद्र ने जितेंद्र की सिर पर गोली मार दी और शव को शव को पहाड़ी से नीचे फेंक दिया.
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