MP News: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार फायर सेफ्टी टैक्स लगाने की तैयारी में है. मोहन कैबिनेट विधानसभा सत्र के दौरान फायर सेफ्टी टैक्स का प्रस्ताव रखेगी. जिसके बाद इसको लेकर कानून तैयार किया जाएगा. मोहन सरकार यह नियम भवनों में फायर सेफ्टी टैक्स के लिए बना रही है. इस नियम के तहत फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र न देने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.


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बता दें कि इस एक्ट के लागू होने के बाद  हाउस और वॉटर टैक्स की तरह ही फायर टैक्स भी लिया जाएगा. जिसका प्रावधान बिल में किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, फायर टैक्स से सरकार फायर डिपार्टमेंट के उन अधिकारियों और कर्मचारियों को मुआवजा देगी, जो राहत एंव बचाव कार्य के दौरान घायल या दुर्घटना का शिकार होंगे. हालांकि, फायर टैक्स का पैसा सरकार क्या करेगी. इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिली है. 


जानकारी के मुताबिक, फायर सेफ्टी टैक्स के तहत 15 मीटर ऊंचे सभी भवनों, एक तल पर 500 वर्गमीटर से ज़्यादा बने क्षेत्रफल वाले सभी भवनों, और 50 से ज़्यादा बेड वाले सभी होटल-अस्पतालों के लिए फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा. वहीं, आवासीय, धार्मिक, या सामुदायिक भवनों को फ़ायर सेफ़्टी प्रमाण पत्र बनवाने की कोई जरुरत नहीं होगी. 


अगर नए भवन का निर्माण हो रहा है तो बिल्डिंग परमिशन लेने के समय ही फायर सेफ्टी प्लान लेना अनिवार्य होगा. मोहन सरकार के इस प्रस्ताव में फायर सेफ्टी पत्र न लेने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया जा सकता है. यह जुर्माना नोटिस देकर या  प्रॉपर्टी आईडी के साथ जोड़कर लगाया जा सकता है. 


बहुत जल्द लागू होगा एक्ट


बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले 5 साल से फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की कवायद चल रही थी. जिसका मसौदा अब जाकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तैयार किया है. यही नहीं फायर सेफ्टी प्लान के अलावा फायर पुलिस के गठन का भी प्रस्ताव है. फायर सेफ्टी एक्ट के लागू होने के बाद लोगों संपत्ति कर के साथ सरचार्ज के रूप में अब फायर सेफ्टी टैक्स भी देना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि मोहन यादव सरकार बहुत जल्द प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने वाली है. 


कई राज्यों में लागू है फायर सेफ्टी एक्ट


बता दें कि फायर सेफ्टी एक्ट  कई राज्य लागू भी कर चुके हैं. वहीं, अब मध्य प्रदेश सरकार इसे लागू करने कि कवायद तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि इसी विधानसभा सत्र के दौरान इसको लेकर कानून बन सकता है. 


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