PHOTOS: महादेव के भक्त हैं तो नए साल में करें MP के प्राचीन मंदिरों के दर्शन, हर साल आते हैं लाखों लोग

Best Place To Celebrate New Year In MP: नए साल की शुरुआत धार्मिक स्थलों से आशीर्वाद ले कर करने से बढ़िया और क्या हो सकता है. आने वाले नए साल का प्लान कुछ इस प्रकार करें कि भगवान की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहे. एमपी में वैसे तो कई धार्मिक स्थल हैं और इन हर जगहों की अलग-अलग मान्यताएं हैं.

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उज्जैन

देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में स्थित हैं. इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर आप अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं. ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना बहुत पवित्र माना जाता है. इस साल उज्जैन में 5.18 करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं. 

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विंध्यवासिनी माता मंदिर

भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सलकनपुर गांव में स्थित विंध्यवासिनी माता मंदिर मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिर है. यहां नववर्ष पर श्रद्धालुओं की खूब भीड़ होती है. यह मंदिर श्रद्धालुओं को काफी आकर्षित करता है. इस साल 22 लाख से ज्यादा लोगों ने सलकनपुर के इस मंदिर के दर्शन किए हैं. 

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खजुराहो

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो में अब केवल 25 मंदिर बचे हैं. अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध, इस जगह ने भी 3.56 लाख लोगों को अपनी संस्कृति की सुंदरता को दिखाया है. UNESCO ने भी यहां के मंदिरों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है.

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चित्रकूट

मध्य प्रदेश के सतना से 78 किलोमीटर पर चित्रकूट धाम पड़ता है. इस धाम को ब्रह्मा, विष्णु और महेश जी के बाल अवतार का स्थान माना जाता है. चित्रकूट प्राचीन काल में शांति और तपस्या का विशेष स्थल था. तीर्थयात्रियों की यहां खूब भीड़ होती है. नए साल की शुरुआत करने के लिए अच्छी धार्मिक जगह है.

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अमरकंटक

मध्य प्रदेश के अनूपपुर और शहडोल से कुछ दूरी पर पहाड़ों के बीच बसा यह मंदिर तीर्थ स्थलों में प्रसिद्ध है. इस जगह पर आप नर्मदा नदी के भी दर्शन कर सकते हैं. अमरकण्टक को भारत के पवित्र स्थलों में गिना जाता है. अमरकण्टक आकर आप कलचुरी कालीन मंदिर, दूध धारा प्रपात अमरकंटक, श्रीयंत्र महामेरू मंदिर जैसे मंदिरों के दर्शन कर आप नए साल की शुरुआत कर सकते हैं.

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ओंकारेश्वर

यह इंदौर से 78 किलोमीटर दूर भारत के पवित्र और प्रसिद्ध स्थलों में से एक है, जहां लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. ओंकारेश्वर ऊँ की पवित्र आकृति का स्वरूप है. महादेव को यहां पर दो रूप- ममलेश्वर और अमलेश्वर के रूप में पूजा जाता है. महादेव की कृपा बनाए रखने के लिए आप यहां के दर्शन कर नए साल के पहले दिन की शुरुआत कर सकते हैं. 

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राजराजेश्वर मंदिर

ओंकारेश्वर आए तो महेश्वर जरूर जाएं. ओंकारेश्वर से 66 किलोमीटर पर खरगोन से 56 किलोमीटर दूरी पर महेश्वर में राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख हैं. नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर आकर्षण का प्रतीक है. महेश्वर का उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे पवित्र ग्रंथो में भी किया गया है. यहां अनेकों घाट मौजूद हैं. महेश्वर की साड़ियां दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. महादेव के भक्त हैं तो नए साल में महादेव की कृपा जरूर लें.

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