भोपालः मध्य प्रदेश के चार अफसरों के खिलाफ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)की जांच रिपोर्ट में लोकसभा चुनाव के दौरान कालेधन का लेनदेन करने का आरोप लगा है.  CBDT से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बेहिसाब नगदी का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया गया है. जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132 के तहत आयकर नियमों के खिलाफ है. जिसके बाद राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी और प्रमुख सचिव ने इन चारों अधिकारियों पर एफआईआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में बीजेपी ने सीधे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा है.


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कमलनाथ पर भी होनी चाहिए FIR: विश्वास सारंग
इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ये पूरा लेनदेन कमलनाथ सरकार के समय में हुआ था. इसलिए इस मामले में सबसे पहले कमलनाथ पर एफआईआर होनी चाहिए. सारंग ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय महिला एवं बाल विकास में पोषण आहार घोटाला किया गया है, जिसकी रकम लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं को भेजी गयी थी. कमलनाथ सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. जिसमें कई अधिकारियों की अहम भूमिका था. इसलिए इस मामले में केवल इन चार अधिकारियों पर ही नहीं बल्कि कमलनाथ के खिलाफ भी एक्शन लिया जाए.


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CBDT की रिपोर्ट के आधार पर अभियान चलाएगी भाजपा
CBDT की रिपोर्ट और चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भाजपा अब कमलनाथ पर हमलावर नजर आ रही है. बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि यह सदी का सबसे बड़ा संस्थागत घोटाला किया गया है. जो कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ है. अधिकारी जनता की सेवा के लिए होते हैं लेकिन कमलनाथ ने उन्हें दलाल बना दिया. उन के माध्यम से पैसे भेजे गए. इसलिए अब भाजपा इस घोटाले की एक-एक बात जनता तक पहुंचाएंगी. वाजपेयी ने कहा कि कमलनाथ मध्यप्रदेश के सबसे भ्रष्ट नेता रहे उन्होंने तो दिग्विजय सिंह को भी पीछे छोड़ दिया, इसलिए भाजपा कमलनाथ के 15 माह के शासन में हुए घोटाले और काले कारनामों को जनता तक सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाकर पहुंचाएगी.


CBDT की रिपोर्ट में इन चार अधिकारियों के नाम
सीबीडीटी की जांच रिपोर्ट में जिन चार अधिकारियों के नाम सामने आए हैं उनमें तीन अधिकारी आईपीएस  (IPS)अफसर जिनके नाम सुशोभन बनर्जी, संजय माने और बी. मधुकुमार है. जबकि राज्य पुलिस सेवा के एक अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम भी शामिल है. इन चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश है.


10 करोड़ से ज्यादा का हुआ था लेनदेन
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में आयकर विभाग ने  प्रवीण कक्कड़, राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा सहित उनके कई रिश्तेदारों के यहां छापामार कार्रवाई की थी. ये सभी लोग कमलनाथ के करीबी बताए गए थे. छापामार कार्रवाई में करीब 10 करोड़ रुपए की नगदी जब्त हुई थी. अब बीजेपी का आरोप है कि आयकर विभाग को जो नगदी मिली थी उसका इस्तेमाल दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार के लिए खर्च होना था.


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