ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस को सिंधिया से ज्यादा इससे है खतरा
मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी कोई कसर नही छोड़ रही है. हर दिन दोनों ही पार्टी कही न कही चुनावी सभाएं कर रहे है. वही तीसरी पार्टी बसपा भी कोई कसर नही छोड़ रही है. इस बार बसपा ने बीजेपी के बजाय कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाई हुई है.
भोपाल: मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी कोई कसर नही छोड़ रही है. हर दिन दोनों ही पार्टी कही न कही चुनावी सभाएं कर रहे है. वही तीसरी पार्टी बसपा भी कोई कसर नही छोड़ रही है. इस बार बसपा ने बीजेपी के बजाय कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाई हुई है. बसपा ने उपचुनाव में 18 प्रत्याशी उतार दिए है और कहा जा रहा है कि बसपा पूरी 28 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. जो कांग्रेस का सरदर्द बन गयी है.
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बता दें कि फिलहाल बसपा ने शिवराज सरकार को समर्थन देकर रखा है. जिसे बीजेपी और बसपा के बीच आपसी साठ-गांठ से जोड़कर भी देखा जा रहा है. इसे देखकर ही कांग्रेस ने बसपा के पूर्व नेताओं पर सेंध मारी कर बसपा के खिलाफ मैदान में उतारने की तैयारी की है. जो बसपा के नेताओं को कुछ हद तक टक्कर दे सकते है.
ग्वालियर-चंबल से उम्मीद
बसपा ने ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों से पूरी उम्मीद लगाई हुई है. दोनों संभागों में बसपा का तगड़ा वोट बैंक है. जो उपचुनावों के नतीजों को पूरा बदल सकता है. इसी को देखते हुए बसपा 28 उपचुनाव की सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मन बनाया है. ग्वालियर-चंबल की 16 सीटें ऐसी है जहां पर दलित वोट काफी अहमियत रखता है. इस बात को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता कि बसपा 11 सीटों पर अलग अलग समयों पर काबिज रही है.
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बसपा का प्रदर्शन कैसा रहा
2018 में बसपा ग्वालियर-चंबल विधानसभा चुनाव में प्रदेश में दूसरे नंबर पर रही थी. बसपा के प्रत्याशियों ने 16 में से 7 सीटों पर काफी निर्णायक व सम्मानजनक वोट हासिल किए थे. दो सीटों पर बसपा ने बीजेपी के प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था.