सर्दियों में कड़कनाथ की बढ़ी डिमांडः केंद्र सरकार ने फार्मिंग बढ़ाने पर दिया जोर, जानिए क्यों है खास
कड़कनाथ मुर्गे की बढ़ती डिमांड के देखते हुए अब केंद्र सरकार ने भी इसके पालन को बढ़ाए जाने की तरफ जोर देना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए मध्य प्रदेश के 4 जिलों के लिए 3 करोड़ रुपए की राशि दी है.
झाबुआः मध्य प्रदेश की पहचान बन चुका कड़कनाथ मुर्गा पूरे देश में पसंद किया जा रहा है, खासकर सर्दियों के सीजन में तो इस मुर्गें की डिमांड ज्यादा बढ़ गयी है. अब केंद्र सरकार ने भी कड़कनाथ मुर्गें के पालन पर जोर दिया है. प्रदेश के 4 जिलों को केंद्र सरकार की तरफ से कड़कनाथ मुर्गें के पालन के लिए 3 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी.
इन चार जिलों के 300 सदस्यों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने कुक्कुट पालन योजना के तहत झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिले की 20 समितियों के 300 सदस्यों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़कनाथ मुर्गें के पालन के लिए यह राशि स्वीकृत की है. जिसमें सभी सदस्यों को कड़कनाथ मुर्गें के 100 चूजे दिए जाएंगे. जबकि 28 दिन के लिए दवा, दाना, पानी के लिए बर्तन और इन मुर्गों के पालने का प्रशिक्षण भी केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा.
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रेडीमेड शेड भी दिए जाएंगे
खास बात यह है कि कड़कनाथ मुर्गें के पालन के लिए एक निश्चित तापमान की जरुरत होती है. इसलिए केंद्र सरकार की इस योजना में सभी कुक्कुट पालकों को कड़कनाथ के चूजों की सुरक्षा और उन्हें उचित तापमान उपलब्ध कराने के लिए रेडीमेड शेड भी दिए जाएगे. हर हितग्राही को पहले 50 चूजें मिलेंगे उसके 6 महीनें बाद उन्हें फिर 50 चूजें दिए जाएगे. वैक्सीनेटेड में 28 दिन के चूजों का वजन 125 ग्राम से 150 ग्राम के बीच होगा. जिसके बाद कड़कनाथ का विक्रय पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के पार्लरों से भी किया जाएगा.
तेजी से बढ़ी कड़कनाथ की डिमांड
पिछले कुछ सालों में कड़कनाथ मुर्गें कि डिमांड तेजी से बढ़ी है. ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी इसकी डिमांड में तेजी आयी है. कड़कनाथ के चिकन की डिमांड तेजी से बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने भी अब इसके पालन पर जोर देना शुरू कर दिया है. जिसके लिए झाबुआ और उसके आस-पास के जिलों में कड़कनाथ मुर्गें के पालन को बढ़ाए जाने की तरफ काम शुरू हो गया है.
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कड़कनाथ की खासियत
कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गो से बेहतर होता है. इसमें विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है. यह दूसरे मुर्गों की तुलना में लाभकारी है. इसका खून, हड्डियां और सम्पूर्ण शरीर काला होता है. जो इसे दूसरे मुर्गों से अलग बनाता है.
पोषक तत्वों से भरपूर है कड़कनाथ
मुख्य तौर से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाने वाला कड़कनाथ मुर्गा वैसे तो अब पूरे देश में मिलता है. कड़कनाथ मुर्गी के अंडे में प्रोटीन ज्यादा होता है, कम कोलेस्ट्रॉल होने के चलते इसे दिल के मरीज भी खा सकते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए उपयोगी होता है. अन्य प्रजातियों के मुर्गा-मुर्गियों के मांस में फैट और वसा ज्यादा रहता है. लेकिन कड़कनाथ मुर्गे में न तो फैट होता है और न वसा बल्कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन की अधिकता होती हैं. आयरन की अधिकता के कारण ही इस मुर्गे का रंग काला रहता है. जो ठंड के सीजन में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.
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