रायपुर: 25 मई 2023 को झीरम घाटी कांड को पूरे 10 साल हो गए हैं. इस नृशंस हत्याकांड में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं समेत 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. यह देश के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा नक्सली हमला था. नक्सलियों ने बस्तर जिले की झीरम घाटी में कभी न भूलने वाली इस घटना को अंजाम दिया था. इस हत्याकांड की बरसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी पर झीरम घाटी कांड के मुख्य आरोपियों को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है.


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जगदलपुर के लालबाग स्थित झीरम मेमोरियल स्थल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी. बघेल ने झीरम श्रद्धांजलि दिवस के अवसर पर प्रदेश को शांति का टापू बनाने की शपथ दिलाई.  शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर उनका सम्मान किया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 साल में अब तक झीरम घाटी कांड के शहीदों को न्याय नहीं मिला है.


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जांच से हटा दिया आरोपियों का नाम
सीएम ने कहा कि 25 मई 2013 को हुई झीरम घटना की जांच एनआईए कर रही थी. अगस्त 2014 तक एनआईए की चार्जशीट में नक्सली लीडर गणपति और रमन्ना का नाम शामिल था, लेकिन सितंबर 2014 में दोनों ही नक्सली नेताओं का नाम पहली चार्जशीट से हटा दिया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर साजिश रच नक्सली नेताओं के नाम हटाने का गंभीर आरोप लगाया है.


भावुक हुए मुख्यमंत्री
सीएम बघेल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार भी झीरम कांड के मुख्य आरोपियों को बचाने में लगी हुई है. अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावुक भी हुए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी और न्यायिक जांच का भी प्रयास किया, लेकिन केंद्र सरकार के इशारे पर एनआईए ने जांच नहीं होने दी. बघेल ने झीरम की घटना को राजनीतिक साजिश बताया.