Chhattisgarh News: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है. जिसके लिए अयोध्या समेत देशभर में तैयारियां चल रही हैं. अयोध्या में होने वाले इस महाआयोजन के लिए भगवान राम के ननिहाल यानि छत्तीसगढ़ में भी तैयारियां जारी हैं. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ से 300 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा जाएगा. जिसका इस्तेमाल भंडारे में किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय चावलों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाएंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ननिहाल के चावल से होगा भंडारा 


दरअसल, 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक भव्य भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा. ऐसे में भंडारे के लिए चावल छत्तीसगढ़ से जाएगा. राज्य के राइस मिलर्स एसोसिएशन की तरफ से यह चावल भेजा जाएगा. जिसमें छत्तीसगढ़ की सबसे अच्छी किस्म का चावल शामिल होंगा. इसी से भात बनाया जाएगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ का धान का कटोरा कहा जाता है. राज्य में एक से एक किस्म के चावल का उत्पादन होता है. 


सीएम विष्णुदेव साय दिखाएंगे हरी झंडी 


28 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाने वाले चावल के ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. बता दें कि छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोशिएशन की तरफ से बताया गया कि अयोध्या राम मंदिर समिति के पदाधिकारी चंपत राय ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स को पत्र लिखकर किया चावल भेजने का निवेदन किया था. जिसके बाद चावल भेजने का फैसला लिया गया है. बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे. ऐसे में सभी इंतजामों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. 


भगवान राम का ननिहाल माना जाता है छत्तीसगढ़ 


खास बात यह है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ से पुराना नाता है. मान्यता है कि छत्तीसगढ़ राज्य भगवान राम का ननिहाल हैं, उनकी माता कौशल्या इसी राज्य की थीं. छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में माता कौशल्या का भव्य मंदिर भी है, जहां भगवान माता कौशल्या की गोद में बैठे हुए हैं. इसी स्थान को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है. मान्यता है कि भगवान राम जब वनवास पर निकले थे तो यही से उन्होंने दक्षिण भारत की यात्रा शुरू की थी. 


भगवान का भांजा मानते हैं स्थानीय लोग 


खास बात यह है कि यहां केवल भगवान राम की भगवान के रूप में पूजा नहीं होती है, बल्कि यहां के लोग उन्हें भांजे के रूप में भी पूजते हैं. बता दें कि यहां पर सफेद कमल खिले तालाब के बीचो बीच माता कौशल्या का मंदिर स्थित है. जो की 10वीं शताब्दी का बताया जाता है. भगवान राम के समय इसे कोशलपुर नगरी के नाम से जाता जाता था.


ये भी पढ़ेंः Ram Mandir Ayodhya: आम जनता अयोध्या में कब से कर सकेगी भगवान राम के दर्शन, जानिए तारीख