छत्तीसगढ़ में स्कूलों के लिए नई एडवाइजरी, इन तीन स्तरों में जारी हुए सख्त निर्देश
खतरनाक गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हो गया है. बुधवार को शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 55 लाख स्कूली छात्रों की सुरक्षा को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है.
श्यामदत्त चतुर्वेदी/रायपुर: प्रदेश में मार्च में ही भीषण गर्मी देखने को मिल रही है. आने वाले समय में गर्मी और लू का प्रकोप और बढ़ेगा. खतरनाक गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हो गया है. बुधवार को शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 55 लाख स्कूली छात्रों की सुरक्षा को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है. इसमें तीन स्तरों पर बात की गई है, जिसमें प्रशासन, शाला एवं पारिवारिक के लिए कुछ प्लाइंट दिए गए हैं. उनसे इनपर अमल करने के लिए कहा गया है.
स्कूलों को सख्त निर्देश
प्रदेश में भविष्य में और तापमान बढ़ने की संभावना को लेकर मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम के अनुसार गर्मी से बचाव की एडवाइजरी का पालन कराने सभी डीईओ को इस आपदा प्रबंधन का नोडल अधिकारी बनाया गया है. इसके साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग ने शालाओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि टीनशेड, पेड़ और एसबेस्टस शीट के नीचे किसी भी तरह की क्लास न लगाएं न ही बच्चों के कोई भी कार्यक्रम आयोजित करें.
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स्कूल आते ही बच्चों से ली जाएगी जानकारी
अब स्कूल आते ही सबसे पहले बच्चे से पूछा जाएगा कि पिछले 8-10 घंटों में उसे उल्टी-दस्त, बुखार, शरीर में दर्द आदि की परेशानी तो नहीं हुई. यदि ऐसा है तत्काल अभिभावक को सूचना देकर उनकी देखरेख या डॉक्टर के पास भेजा जाएगा.
परिजनों इन बातों का रखें ध्यान
- दोपहर में बच्चों को खेलने घर से बाहर न निकलने दें
- यथासंभव सूती, हल्का और हल्के रंग का कपड़ा पहनाएं।
- थोड़े-थोड़े अंतराल में ग्लूकोज मिलाकर पानी पीने को देते रहें
- ताजा पका हुआ हल्का भोजन थोड़ा- थोड़ा करके दें
- बच्चों को स्कूल सिर पर टोपी, गमछा या छाता देकर भेजे
- लू लगने पर तौलिया-गमछा ठंडे पानी में भिगोकर सिर पर रखें
- आम के पना, नारियल का पानी, ओआरएस, ग्लूकोज भी नियमित रूप से पिलाएं
- गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराएं एवं डॉक्टर की सलाह लें
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प्रशासन के लिए कही ये बात
गरम हवाओं लू के चलने के दौरान या तापमान के सामान्य से अधिक रहने पर स्थितियों की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार शालाओं के संचालन के समय में बदलाव किया जा सकता है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने पत्रों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है. इसके साथ ही लू लगने के लक्षण, उसके कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार के संदर्भ में सभी शिक्षकों, अधिकारियों ट्रेंड किया जा रहा है. साथ ही स्कूलों का आवश्यक दवाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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