Shocking incident in Balrampur: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कुसमी में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई, जहां एक टेलर ने पिछले साल अपनी पत्नी और दो बेटियों को मरा हुआ समझकर दफना दिया था. अब एक साल बाद वे जिंदा वापस आ गई हैं. पत्नी और दो बेटियों को बलरामपुर में वापस देखकर परिवार और पुलिस दोनों ही हैरान हैं. इस घटना ने रायगढ़ जिले की पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि पति ने पहले ही शवों की पहचान कर उन्हें दफना दिया था.


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जानिए पूरा मामला
दरअसल, पेशे से टेलर अबुल हसन की जिंदगी में उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था जब साल 2023 के अगस्त महीने में उसकी पत्नी राबिया परवीन अपने पति से झगड़े के बाद अपनी दो बेटियों को लेकर काम की तलाश में घर से चली गई थी. आर्थिक रूप से कमजोर अबुल हसन ने अपनी पत्नी को ढूंढने का हर संभव प्रयास किया. उस दौरान अबुल का परिवार बलरामपुर जिले के पस्ता थाना क्षेत्र के बासेन में रहता था. इसी बीच अबुल को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि 14 अगस्त 2023 को रायगढ़ जिले के खरसिया थाना क्षेत्र के देजहरी गांव में एक महिला और दो बच्चियों की लाश मिली है. जिसके बाद अबुल भी खरसिया पहुंचा. पुलिस ने तीनों शव अबुल को दिखाए और अबुल ने शवों की पहचान अपनी पत्नी राबिया और दोनों बच्चियों के रूप में की.


पति ने मृत समझकर पत्नी और बेटियों को किया था दफन
अबुल का कहना है कि शव एक हफ़्ते पुराने थे. शवों की पहचान करना मुश्किल था. लेकिन बच्चियों के शवों को देखने के बाद अबुल ने उन्हें अपने परिवार के रूप में पहचाना. जिसके बाद पुलिस ने रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव अबुल को सौंप दिया और अबुल ने शवों को रायगढ़ में ही दफना दिया था.


1 साल बाद तीनों आ गईं सामने
इधर, इस घटना को करीब एक साल बीतने को था कि अचानक राबिया परवीन ने दिल्ली में रहने वाली अपनी बड़ी बहन से संपर्क कर आपबीती बताई जिसके बाद परिजनों की मदद से वह अपने मायके वापस आ गई. फिर एक माह पूर्व वह अपने पति के पास वापस आ गई.


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राजस्थान से वापस लौटीं पत्नी और बेटियां
राबिया बताती है कि अंबिकापुर का एक व्यक्ति उसे नौकरी दिलाने का लालच देकर राजस्थान ले गया , जहां उसे प्रताड़ित किया जाता था.फैक्ट्री में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे खेतों में काम कराया गया. यहां तक ​​कि उसका फोन भी लूट लिया गया और एक दिन तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और अस्पताल से ही उसने अस्पताल में भर्ती एक महिला के फोन से अपनी बड़ी बहन को फोन किया, जिसके बाद उसके परिजनों को उसके जीवित होने की जानकारी मिली. फिर परिजनों की मदद से वह अपने दोनों बच्चों के साथ करीब 2 माह पूर्व झारखंड स्थित अपने मायके वापस आ गई और डेढ़ माह पूर्व वह अपने पति के पास वापस आ गई.


शवों के शिनाख्त की फिर होगी कोशिश
इस मामले में अब पुलिस का कहना है एक बार फिर से शवों की शिनाख्त की कोशिश की जाएगी. ताकि तीनों शवों के असली परिजनों का पता लगाया जा सके.


रिपोर्ट- शैलेन्द्र सिंह बघेल


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